
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 3304 पंचायतों में नौवीं कक्षा की पढ़ाई की औपचारिक शुरुआत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बड़ा संकेत दिया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पहले छात्रों के ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ की चर्चा करते हुए भरोसा दिलाया कि अगर जरूरत पड़ी तो ऋण माफ किया जाएगा।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट योजना सफल रही है। इस योजना के तहत अब तक चार हजार करोड़ रुपए का लोन छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जा चुका है। छात्र-छात्राओं को अब बस ठीक से पढ़ाई पर ध्यान देने की जरूरत है। यदि जरूरत हुई तो उनका स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लोन भी माफ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान डीबीटी के माध्यम से स्कूली बच्चों के बैंक खाते में 2892.20 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसमें बालिका पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना, कन्या उत्थान योजना और मध्याह्न भोजन योजना की राशि शामिल है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘नियोजित शिक्षक’ शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये स्थाई शिक्षक है, इनको नियोजित या कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक कहना ठीक नहीं। उन्होंने कहा हम अभी से ही शिक्षकों के वेतन में वृद्धि करना चाहते थे लेकिन कोरोना संकट की वजह से तत्काल ऐसा कर पाना संभव नहीं है। इसलिए 1 अप्रैल से शिक्षकों के वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। इसमें ईपीएफ को जोड़ देने पर वेतन वृद्धि 20 प्रतिशत से अधिक ही होगी। साथ ही उनको प्रोन्नति और ऐच्छिक तबादले की भी सुविधा दी गई है। वेतन बढ़ोतरी पर लगभग 1950 करोड़ रुपए जबकि ईपीएफ पर 815 करोड़ अतिरिक्त खर्च होंगे।