न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : जयपुर- राजस्थान/नई दिल्ली :
राजस्थान में गहलोत सरकार पर मप्र की कमलनाथ सरकार वाली आपदा आ पड़ी है। डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपने खेमे के 24 विधायकों को लेकर जयपुर से पलायन कर गुड़गांव में डेरा डाल चुके हैं और विधायकों समेत उन्होंने भी अपने फोन स्वीच आफ कर लिये हैं। इससे राजस्थान की गहलोत सरकार की धड़कनें बढ़ गईं हैं।
जानकारी के अनुसार सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खींचतान ने ऐसा रूप ले लिया कि वहां सरकार बचाना मुश्किल हो गया है। सचिन पायलट अपने खेमे के विधायकों को लेकर भाजपा शासित हरियाणा के गुड़गांव के होटल में बैठ गए हैं। बताया जाता है कि वे हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी टच में हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस शासित राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई है।
गहलोत को कमलनाथ जैसे हश्र का डर
सब कुछ करीब-करीब वैसा ही जैसा 4 महीने पहले तब कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश में हुआ था और आखिरकार कमलनाथ सरकार गिर गई थी। मध्य प्रदेश में जो कुछ हुआ और आज राजस्थान में जो कुछ हो रहा है, उनमें बहुत समानताएं हैं। तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा कराकर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया था। विधायकों को पहले गुड़गांव और बाद में बेंगलुरू के होटल में ठहराया गया था। कमलनाथ के सामने तब युवा ज्योतिरादित्य सिंधिया थे तो अब गहलोत के सामने युवा डेप्युटी सीएम सचिन पायलट हैं। पायलट 3 दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। दूसरी तरफ राजस्थान कांग्रेस के 24 विधायक शनिवार रात से ही गुड़गांव के ही मानेसर में एक बड़े होटल में रुके हुए हैं। कई विधायकों के मोबाइल फोन स्वीच ऑफ हैं।
सिंधिया की राह पकड़ेंगे सचिन पायलट?
2018 विधानसभा चुनाव के वक्त सिंधिया और पायलट दोनों ही मुख्यमंत्री पद के सशक्त दावेदार थे। लेकिन बाजी हाथ लगी थी कमलनाथ और गहलोत के नाम। राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा रह चुके सिंधिया और पायलट एक दूसरे के बहुत ही अच्छे दोस्त हैं। जब एमपी में सिंधिया ने पार्टी से बगावत कर कमलनाथ सरकार को गिराया था, तब सोशल मीडिया पर ऐसी अटकलें खूब लगी थीं कि कहीं पायलट भी दोस्त सिंधिया की राह न पकड़ लें। पूरे सियासी घटनाक्रम पर पायलट की तरफ से अभी कोई टिप्पणी नहीं आई है। उधर बीजेपी इसे कांग्रेस की आपसी गुटबंदी से ध्यान भटकाने की कवायद करार दे रही है।