न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
शराबबंदी के बावजूद बिहार में कैसे शराब बेची जा रही है, इसको लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में बड़ी बैठक कर रहे थे. इसी दौरान वैशाली से बड़ी खबर यह आई कि महनार प्रखंड से जहां आपूर्ति पदाधिकारी अरुण सिंह गिरफ्तार किए गए हैं. खास बात यह है कि उनपर शराब पीकर हंगामा करने का आरोप है. पुलिस की जांच में शराब सेवन करने की हुई पुष्टि हुई है. इसके बाद सहदेई थाना की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
बता दें कि अक्सर यह सवाल उठते रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी को नाकाम करने की कोशिश अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही है. ऐसे में सीएम नीतीश कुमार की बड़ी बैठक के बीच ही उनके ही एक आपूर्ति पदाधिकारी का इस तरह शराब का सेवन करने से एक बार फिर विपक्ष को बड़ा मौका मिल गया है.
समीक्षा के बाद बड़ा फैसला, इलाके में मिली शराब तो नपेंगे थानेदार
वहीं शराबबंदी कानून को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक खत्म हो गई है. 7 घंटे तक ये अहम बैठक चली. इसमें सरकार के तमाम मंत्री और आला अधिकारी शामिल हुए. मीटिंग के बाद गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि शराबबंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू कराने के लिए सीएम ने कई अहम निर्देश दिए हैं. इसके तहत जिस थाने में कोई कार्रवाई नहीं हुई है, वहां सख्ती से कार्रवाई करने को कहा गया है.गृह सचिव ने बताया कि शहरों में होम डिलीवरी को रोकने के लिए सीएम ने आदेश दिया है. सभी प्रभारी मंत्री अपने जिलों में अन्य योजनाओं के साथ शराबबंदी को लेकर भी सक्रिय रहेंगे. बॉडर इलाके में चौकसी बढ़ाने का आदेश दिया गया है. कॉल सेंटर में जो भी कंप्लेन आए, उस पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने का निर्देश मिला है. इसके साथ ही दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दिया गया है.
डीजीपी एसके सिंघल ने न्यूज़ टुडे टीम को बताया कि लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाएगा. पुलिस और उत्पाद अधिकारी मिलकर काम करेंगे. शराब मिलने पर थानाध्यक्ष सस्पेंड होंगे. चौकीदार ने अगर शराब की जानकारी नहीं दी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर मुख्यालय में हर दूसरे दिन समीक्षा बैठक होगी.डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि इंटेलिजेंस टीम को मजबूत किया जा रहा है. कहीं से भी शराब की सूचना मिलती है तो थाना प्रभारी पर कार्रवाई होगी, उन्हें शो कॉज नोटिस किया जाएगा. यदि किसी के खिलाफ कंप्लेन आती है तो एसएचओ (SHO) को 10 साल के लिए वह पद नहीं मिलेगा. साथ ही विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.
गौरतलब है कि आज ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने समीक्षा बैठक को लेकर सीएम नीतीश से 15 सवाल पूछे हैं. तेजस्वी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है- ‘शराबबंदी पर माननीय मुख्यमंत्री जी से मेरे कुछ ज्वलंत सवाल है. आशा है आज की समीक्षा बैठक से पूर्व वो इनका उत्तर देंगे अन्यथा बैठक में इन पर विमर्श करेंगे. अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर यह विशुद्ध नौटंकी होगी.