न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना- मोतिहारी/ बिहार :
छठ महापर्व की आस्था बिहार के घाटों पर बिखर गई है। हर तरफ श्रद्धालु हैं, पर्व मनाया जा रहा है। पटना के गंगा घाटों पर श्रद्धालु सूप पर फल, ठेकुए, कसार सजाकर पहुंच गए हैं। इन्हें छठी मइया को अर्पित किया जा रहा है। श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देना शुरू कर दिया है।
गंगा घाटों पर भीड़, सावधानी भूले लोग
पटना- मोतिहारी समेत पूरे बिहार में प्रशासन ने लोगों से अपील की थी कि वो घर पर ही छठ मनाए। पर हर किसी के घर में इतनी जगह नहीं होती कि वो छठ मना सकें। ऐसे में लोग गंगा के घाटों पर उमड़े हैं। कोरोना के लिहाज से जो सावधानी नजर आनी चाहिए, वह भी नहीं दिखाई पड़ रही। छठ व्रती महिलाओं ने गंगा में स्नान किया और सूप उठाए।
इधर मोतिहारी में भवानीपुर जिरात स्थित रोइंग क्लब घाट, मिस्कॉट स्थित कदम घाट, धर्मसमाज घाट, श्रीकृष्ण नगर स्थित पांचो घाट, रघुनाथपुर, बरियारपुर आदि घाटों पर प्रवेश द्वार पर जगह-जगह तोरण द्वार बनाये गये हैं। जिसे फूलों और झालरों से सजाया गया है। घाट पर छठ व्रतियों समेत श्रद्धालु परिवार के साथ पहुंचे। यहां हालांकि सोशल डिस्टेसिग का पालन नहीं दिखाई दिया। लोग बिना मास्क भी दिखाई दिये।
छतों पर छठ करने वालों की तादाद ज्यादा
पूरे बिहार में इस बार छतों पर छठ करने वालों की संख्या बढ़ी है। इसके बावजूद घाट पर भीड़ है। छठ घाट पर हर किसी को मास्क लगाने का निर्देश है, लेकिन इसका ठीक से पालन नहीं हो रहा। जिला प्रशासन ने पटना के 24 घाटों को खतरनाक घोषित कर रखा है। पूरे बिहार में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी।
नदियों के घाटों पर न पुरोहित हैं, न मंत्रोच्चार। व्रती और भगवान सूर्य के बीच कोई नहीं है। भक्त और भगवान का सीधा संवाद है छठ। आज डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अगली सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। चार दिन के इस पर्व में महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा है। छठ सभी जातियों और धर्मों को जोड़ने वाला महापर्व है और घाटों पर इसका नजारा साफ दिख रहा है।