
न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से एनडीए उत्साहित नजर आ रही है. शुरूआती चार घंटे के रुझानों से साफ लगने लगा है कि एनडीए राज्य में सरकार एक बार फिर से बनाने जा रही है.
हालांकि, महागठबंधन भी कड़ी टक्कर दे रहा है. ऐसा में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार का ‘ट्रंप कार्ड’ अतिपिछड़ा और महिला वोटर्स ने महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया है. नीतीश कुमार की शराबंदी का असर चुनाव के रुझानों में साफ दिख रहा है. नीतीश कुमार के खिलाफ एंटीइनकम्बेंसी भी नजर आ रही है लेकिन या नाकाफी नहीं है. बेरोजगार युवाओं से उलट अतिपिछड़ा और महिला वोटर्स ने एनडीए को वोट दिया है.
महिला वोटर्स नीतीश के लिए बने निर्णायक
तकरीबन सभी एग्जिट पोल में युवा वोटर्स की पहली पसंद तेजस्वी यादव और महागठबंधन के उम्मीदवार नजर आ रहे थे. 18 से 38 साल के ज्यादातर युवकों ने तेजस्वी पर भरोसा जताया था. हालांकि तथाकथित ‘जंगलराज’ का भय बुजुर्गों और पिछड़ी जातियों में साफ देखा गया. सर्वे के मुताबिक महागठबंधन ने युवाओं में अहम बढ़त बनाई है.
जंगलराज का कार्ड चल गया
बता दें कि बिहार सरकार के सभी बड़े मंत्री, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बीजेपी के सभी बड़े नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लगातार चुनावी कैंपेन और रैलियों में लालू यादव के ‘जंगलराज’ का जिक्र किया था. युवाओं में जंगलराज की स्मृति न हो और लॉ एंड ऑर्डर उनके लिए कोई मुद्दा न रहा हो, लेकिन युवा वोटर्स के लिए बेरोजगारी अहम मु्द्दा है यह रुझानों में दिख रहा है.
मोदी इफेक्ट का असर साफ दिखा
बता दें कि भले ही कैंपेन के दौरान महागठबंधन काफी आगे नज़र आ रहा था और एनडीए पिछड़ रहा था लेकिन वोटिंग और एग्जिट पोल्स के बाद इस बात का आभास हो गया था कि नीतीश के समर्थन में ‘साइलेंट वोटर’ फैक्टर काम कर रहा है. नीतीश कुमार का तीर सीधे निशाने पर लगा और महिला वोटर्स और अतिपिछड़ा वर्ग ने एनडीए को वोट किया.