न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी- बेतिया/ बिहार :
पूर्वी चंपारण के ढाका विधानसभा सीट से भाजपा के युवा उम्मीदवार पवन जायसवाल ने बड़े ही तामझाम के साथ नामांकन किया। ढाका स्थित सिकरहना अनुमंडल कार्यालय में उन्होंने नामांकन दाखिल किया। 2015 के विधानसभा चुनाव में पवन जयसवाल महागठबंधन उम्मीदवार फैसल रहमान राजद से शिकस्त खाए थे उस समय नीतीश कुमार एवं लालू प्रसाद एक मंच पर थे और माय समीकरण ने पवन जयसवाल को बेदखल किया था। वे वहां से भाजपा के लोकप्रिय विधायक थे। काफी कम उम्र में राजनीति में सक्रिय होने वाले पवन जायसवाल अपने विशेष व्यवहार एवं सेवा कार्य के बदौलत सभी जाति और धर्म के बीच अपनी पैठ बनाए हुए हैं।
इस बार ढाका में फिर त्रिकोणात्मक लड़ाई हो गई है जिसमें मुख्य रुप से भाजपा के पवन जायसवाल वर्तमान विधायक फैसल रहमान एवं रालोसपा के राम पुकार सिन्हा मैदान में है। इसके अलावा अन्य कई उम्मीदवार भी मैदान में उतरे हैं और इस लड़ाई को चतुर्थकोणीय बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। नामांकन के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए पवन जायसवाल ने कहा कि पूरा देश ही नहीं दुनिया देख रही है कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का कितना सम्मान बढा है। विपरीत परिस्थिति में चाहे वह कोरोना हो या प्राकृतिक प्रकोप हो, हमारे प्रधानमंत्री देश को आगे बढ़ाते चल रहे हैं। सब कुछ जनता के बीच है और इस बार के विधानसभा चुनाव में जनता खुद तय करेगी कि हम विकाश के साथ है कि उसके विपरित के साथ हैं।
वहीं पश्चिम चंपारण के सिकटा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रहे दिलीप बर्मा इस बार सीट के तालमेल के कारण उनको भाजपा से टिकट नहीं मिली। यह सीट जदयूके खाते का है। अपनी लोकप्रियता के आधार पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया और आज उनका नामांकन नरकटियागंज मे दाखिल हुआ। सादगी पूर्ण नामांकन में भी हजारों हजार की भीड़ इकट्ठी हो गई थी। हर तबके के लोग लोगों का समर्थन उन्हें मिल रहा है। खास करके सिकटा विधानसभा क्षेत्र जो मुसहर, धांगड, शरणार्थी बंगाली एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिलीप वर्मा एनडीए के प्रत्याशी खुर्शीद आलम से चुनाव हार गए थे।
इस बार बदले समीकरण में जदयू और भाजपा एक साथ है लेकिन क्षेत्र की जनता के विशेष मांग के कारण उनहोंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया और वहां खुर्शीद आलम बिहार सरकार के मंत्री हैं, उनसे इन की कांटे की लड़ाई है। वैसे दिलीप वर्मा ने नामांकन दाखिल करने के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा इस बार सिकटा में कोई लड़ाई नहीं है। 5 वर्षों में जनता ने जो देखा और भोगा है उसका बदला लेने का उसके पास मौका है। जनता से संपर्क करने के बाद मैंने महसूस किया इस बार मेरी जीत काफी मतो से होगी। जनता दिल से मेरा साथ दे रही हैं। इस बात पर मुझे खुशी होती है कि सेवा कभी व्यर्थ नहीं जाता। मैं पांच वर्ष विधानसभा में नहीं था, लेकिन लगातार क्षेत्र की जनता की सेवा की है। यहां तक कि मैं अपना जन्मदिन भी यहां विकलांग शिविर के साथ मनाता रहा हूं। हर धर्म जाति के लोग मेरे पास पटना पहुंचते थे मैंने बिना भेदभाव के साथ सेवा की। मेरे आने से जनता का मायूस चेहरा खिल गया है। मेरी जीत निश्चित है। विधानसभा क्षेत्र में कई प्रत्याशी आए हैं लेकिन मैं बहुत आगे हूं और सभी मुझसे ही लड़ेंगे लेकिन सभी की जमानत जप्त होगी।
