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आशीष राज, स्थानीय संपादक, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह
बिहार में आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनियमितता का मामला कोई नया नहीं है। आए दिन भ्रष्टाचार से लेकर टीएचआर में गड़बड़ी तक की खबरें आती रहती हैं। अब इस मामले पर मंत्री ने संज्ञान लिया है, खुद आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच शुरू की है।
बिहार में आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनियमितता का मामला कोई नया नहीं है। आए दिन भ्रष्टाचार से लेकर टीएचआर में गड़बड़ी तक की खबरें आती रहती हैं। अब इस मामले पर मंत्री ने संज्ञान लिया है, खुद आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच शुरू की है। इस क्रम में कटिहार जिले में चार बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) समेत पांच अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
लगातार मिल रही अनियमितता की शिकायत पर समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी सीधे आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही पहुंच गए। जब उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच शुरू की तो कई तरह की अनियमितताएं सामने आई। अफसरों से इस संबंध में जब जवाब तलब किया तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। पूरा माजरा समझने के बाद मंत्री ने चार बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) और एक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) को निलंबित कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार इनमें कदवा की सीडीपीओ शबनम शीला, फलका की सीडीपीओ पामेला टुडू, मनिहारी की सीडीपीओ गुड़िया, मानसाही की सीडीपीओ संगीता मिंकी एवं डीपीओ किसलय शर्मा शामिल हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री को आंनगबाड़ी केंद्रों पर अनियमितता की लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं।
इन शिकायतों को मंत्री ने गंभीरता से लिया और अधिकारियों की बजाय स्वयं जांच की। घूम-घूमकर आंगनबाड़़ी केंद्रों की जांच की। इस दौरान उन्हें कई प्रकार की अनियमितता की शिकायतें मिलीं। इस संबंध में जब उन्होंने अधिकारियों से पूछा तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया। सब एक दूसरे पर ही आरोप – प्रत्यारोप लगाने लगे। मंत्री ने मामले की गंभीरता और अधिकारियों की लापरवाही को देखते हुए चारों सीडीपीओ और डीपीओ के निलंबन का आदेश जारी कर दिया।