न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव:
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता की बुनियाद भले रखी, लेकिन उन्हें उसका कोई लाभ नहीं मिला। पहले तो अफवाहों में ही सही, नीतीश के नाम की चर्चा संयोजक बनाए जाने को लेकर होती थी, अब ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे कर संभावनाएं ही खत्म कर दी हैं। नतीजा ये रहा नीतीश कुमार बिना मीडिया से मुखातिब हुए इंडिया की मीटिंग से रुखसत हुए।
विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की दिल्ली में तीन घंटे चली बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हाथ फिर खाली रह गए। सच कहें तो नीतीश के नाम पर बैठक में कोई चर्चा ही नहीं हुई। जेडीयू नेताओं की चाहतें धरी की धरी रह गईं। पोस्टर, नारेबाजी और बयानों के जरिए जेडीयू नेता नीतीश कुमार को विपक्ष का पीएम फेस बनाने और गठबंधन का नेतृत्व सौंपने की मांग करते रहे हैं। ये अलग बात है कि नीतीश कुमार ने शुरू से अब तक अपनी इस तरह की किसी इच्छा-अपेक्षा से इनकार ही किया है। हालांकि, नीतीश ने जब एनडीए छोड़ महागठबंधन से हाथ मिलाया था, तब चर्चा ये थी कि नीतीश विपक्ष के पीएम फेस होंगे। नीतीश ने भी इशारों में ही सही, इसकी पुष्टि कर दी थी कि 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।