न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★सांसद राधामोहन सिंह का मोतिहारी सहित अन्य निकटवर्ती जिलों में प्रभाव का एक कारण यह भी है कि पूरे राजनैतिक जीवन में इनपर कोई दाग नहीं है। ना ही आपराधिक मामले में या सामाजिक मामलों में। बेदाग हैं और पार्टी के प्रति समर्पित भी। जनसंघ से लेकर आजतक पूरी इमानदारी से अपने पार्टी के लिए लगे रहे। इसका इनाम भी मिला। पार्टी ने सांसद का उम्मीदवार बनाया तो मोतिहारी की जनता ने भी गले लगाया।★
चंपारण ही नही बिहार में पार्टी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले मोतिहारी के सांसद राधामोहन सिंह को लेकर इन दिनों में जबरदस्त चर्चाएं हो रही है। कारण है उनका राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से विमुक्त होने का। चंपारण में खासकर मोतिहारी में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि सांसद श्री सिंह को पार्टी कोई बड़ी जिम्मेदारी देने वाली है। मोतिहारी से सात बार सांसद बने रहना भी कोई साधारण बात नहीं है। ज्ञात हो कि बड़े बड़े दिग्गज भी राधामोहन सिंह को हरा नहीं पाए। इसके अतिरिक्त चंपारण में विधानसभा के चुनाव में भी सांसद राधामोहन सिंह ही विधायक जिताने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। कुल मिलाकर चंपारण में राधामोहन सिंह का कोई विकल्प नहीं है।
दूसरी बात यह भी है कि अगर राधामोहन सिंह स्वयं सांसद का चुनाव लड़ने से मना करते हैं तो भी भाजपा का संसदीय वही उम्मीदवार स्वीकार होगा जिसे राधामोहन सिंह चाहेंगे। यह शतप्रतिशत सही है। वैसे अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि सांसद राधामोहन सिंह चुनाव लडेंगे या नहीं। अगर उनकी तरफ से कोई घोषणा होती है तो वह बात अलग है। सच्चाई यह है कि चंपारण के लोग अभी भी राधामोहन सिंह को ही भाजपा के परफेक्ट उम्मीदवार मानते हैं। हालांकि पार्टी भी राधामोहन सिंह को छोड़ना नहीं चाहेगी। क्योंकि राधामोहन सिंह का मतलब चंपारण की चार सीट भाजपा के खाते में।
बहरहाल, सांसद राधामोहन सिंह का मोतिहारी सहित अन्य निकटवर्ती जिलों में प्रभाव का एक कारण यह भी है कि पूरे राजनैतिक जीवन में इनपर कोई दाग नहीं है। ना ही आपराधिक मामले में या सामाजिक मामलों में। बेदाग हैं और पार्टी के प्रति समर्पित भी। जनसंघ से लेकर आजतक पूरी इमानदारी से अपने पार्टी के लिए लगे रहे। इसका इनाम भी मिला। पार्टी ने सांसद का उम्मीदवार बनाया तो मोतिहारी की जनता ने भी गले लगाया। हालांकि लोग यह भी कहते हैं कि राधामोहन सिंह कभी वाजपेई लहर तो कभी मोदी लहर में ही चुनाव जीतते रहें हैं लेकिन सच्चाई यह भी है कि राधामोहन सिंह का भी एक अपना लहर है जो है उनकी सच्चाई और ईमानदारी का। पार्टी के वोट के साथ इनका अपना भी वोट होता है। कुल मिलाकर कहना यह है कि मोतिहारी को लेकर जो भी अटकलें लगाई जा रही है वह केवल अफवाह है। राधामोहन सिंह मोतिहारी के सांसद उम्मीदवार तब तक रहेंगे जब तक वे चाहेंगे। पार्टी उन्हें बिहार में आज भी सर्वोच्च जगह पर देखती है।