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आशीष राज, स्थानीय संपादक, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री मांझी गुरुवार को गरीब संपर्क यात्रा के दौरान अरवल पहुंचे थे। यहां उन्होंने जिले के अलग-अलग जगहों पर महादलित टोला के बस्तियों पर नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपने बेटे संतोष सुमन को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की।★
बिहार के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर तेजस्वी यादव को भले ही सीएम नीतीश भी चाह रहे हों, लेकिन इसका विरोध सहयोगी भी करने लगे हैं। इसमें ताजा नाम जुड़ा है पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का। मांझी ने बिना नाम लिए तेजस्वी पर हमला किया है और अपने बेटे को उनसे बेहतर सीएम कैंडिडेट बताया है।
पहले उपेंद्र कुशवाहा तेजस्वी यादव का लगातार विरोध कर रहे थे। वहीं अब, जीतन राम मांझी भी इस रेस में शामिल हो गए हैं। जीतन राम मांझी ने कहा है कि जिन लोगों का नाम अभी मुख्यमंत्री के रेस में चल रहा है, उन लोगों को मेरा बेटा पढ़ा सकता है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री मांझी गुरुवार को गरीब संपर्क यात्रा के दौरान अरवल पहुंचे थे। यहां उन्होंने जिले के अलग-अलग जगहों पर महादलित टोला के बस्तियों पर नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपने बेटे संतोष सुमन को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की।
पिता ने नाम आगे किया, बेटे ने नकारा
अरवल प्रखंड परिसर में भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मांझी ने कहा कि इस सरकार में दलितों-गरीबों की उपेक्षा हुई है। इस सरकार में गरीबों का जितना विकास होना चाहिए, उतना विकास नहीं हुआ।
इसी दौरान मांझी ने अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर कहा कि संतोष पढ़ा-लिखा है। उसे मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। मुख्यमंत्री के लिए बहुत का नाम आता है, वैसे लोगों को संतोष पढ़ा सकता है। वह नेट क्वालिफाइड है, प्रोफ़ेसर है, सिर्फ यही है कि वह भुईंया जाति से आता है। गरीबों की, दलितों की आबादी 90 फ़ीसदी है। इसीलिए हम संतोष को मुख्यमंत्री प्रेषित करते हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री के लिए प्रमोट किए जाने पर जीतन राम मांझी के पुत्र और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं हूं। जनता का प्यार सम्मान पाने के लिए और ऊर्जा के साथ काम करूंगा।
कुशवाहा पहले से कर रहे हैं विरोध
तेजस्वी यादव के नाम पर उपेंद्र कुशवाहा ने पहले से विरोध का बिगुल फूंका हुआ है। कुशवाहा ने कहा कि यदि आरजेडी के साथ कोई डील हुई है और उस डील में जदयू आगे बढ़ता है तो यह जदयू के लिए बड़ा नुकसान होगा। जदयू पूरी तरह से मिट जाएगा, बर्बाद हो जाएगा। उपेंद्र कुशवाहा इसी बात को लेकर 19 और 20 फरवरी को पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में जदयू नाराज नेताओं की एक बैठक बुला रहे हैं।