न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★बिहार में महागठबंधन सरकार में जेडीयू और आरजेडी के बीच रामचरितमानस को लेकर मचे घमासान के बीच एक और बड़ी खबर यह आ रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि महागठबंधन में बिखराव के साथ ही जेडीयू में टूट भी हो सकती है। हालांकि अटकलों में कितना दम है यह तो वक्त ही बताएगा।★
हिंदू धर्म ग्रंथ रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर महागठबंधन सरकार के भीतर घमासान मचाने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने तेजस्वी बिहार शिक्षित बिहार का नारा देकर जेडीयू के नेताओं को और भी लाल कर दिया है। अब जेडीयू और आरजेडी के नेताओं के बीच पोस्टर और ट्विटरवार भी छिड़ चुका है। नीतीश कुमार सभी धर्म के सम्मान की बात कह रहे हैं वहीं तेजस्वी यादव शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान से पल्ला झाड़ रहे हैं।
इस कारण उपेंद्र कुशवाहा छोड़ सकते हैं जेडीयू
जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले कुछ दिनों में इस तरह के बयान दिए हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि पार्टी में वह असहज महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने हर भाषण में शराबबंदी के फायदे गिनाते नहीं थकते। वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शराबबंदी कानून को ही फेल बता दिया था। इसके अलावा जब यह खबर आई कि जेडीयू का विलय आरजेडी में हो सकता है तो उपेंद्र कुशवाहा ने इसे आत्मघाती कदम करार दिया था। फिर तेजस्वी यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि डेप्युटी सीएम बीजेपी के साथ मिले हुए हैं। तेजस्वी यादव ने जानबूझकर शिक्षा मंत्री से रामचरितमानस पर विवादास्पद बयान दिलवाया है ताकि बीजेपी को फायदा पहुंच सके।
इसके बाद नीतीश कुमार से जब यह पूछा गया कि क्या उपेंद्र कुशवाहा बिहार में दूसरे उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह भी कोई पद है। उपेंद्र कुशवाहा को न तो बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया ना ही उन्हें उपमुख्यमंत्री। बताया जाता है कि उपेंद्र कुशवाहा इस बात से नाराज हैं और वह जल्द ही जेडीयू से भी किनारा कर लेंगे। जानकार बताते हैं कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन कर जब उपेंद्र कुशवाहा एनडीए का हिस्सा बने थे तब ना सिर्फ उनकी पार्टी बढ़ी थी बल्कि, उपेंद्र कुशवाहा भी मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बनकर अपना कद बढ़ा चुके थे। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा ने जब 2021 में अपने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय जनता दल यूनाइटेड में कर दिया तब वह फिर उसी जगह पहुंच गए जहां से उन्होंने शुरुआत की थी। जानकारों का कहना है कि ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा अपने राजनीतिक भविष्य को देखते हुए फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
NDA में शामिल होने से मुकेश साहनी को होगा फायदा
बिहार की राजनीति में विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश साहनी भी एनडीए का हिस्सा बनने के लिए लगभग तैयार माने जा रहे हैं। बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि मुकेश सहनी कि एनडीए में वापसी संभव है। जानकार बताते हैं कि एनडीए में शामिल होने पर न सिर्फ विकासशील इंसान पार्टी का बिहार में वोट बैंक डेवलप होगा बल्कि 2024 लोकसभा चुनाव के पहले वीआईपी अगर एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़ती है तो मुकेश सहनी खुद लोकसभा भी पहुंच सकते हैं। जो विकासशील इंसान पार्टी के साथ-साथ मुकेश सहनी के कद को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
जीतन राम मांझी भी पार्टी का करना चाहते हैं विस्तार
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी भी 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गये हैं। वर्तमान महागठबंधन सरकार में 7 राजनीतिक दल शामिल हैं। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। ऐसे में अगर महागठबंधन के अंदर सीटों का बंटवारा होता है तो 16-16 सीटें राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के पास होगी। शेष 8 सीटों को बाकी के बचे 6 राजनीतिक दलों के बीच बांटा जाएगा। ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के खाते में सिर्फ एक लोक सभा की सीट महागठबंधन की ओर से दी जा सकती है। जानकारों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी आने वाले समय में एनडीए में शामिल हो सकते हैं।