न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★नीतीश को राजद कोटे से बनने वाले मंत्री के नाम को लेकर एतराज है कहा ये जा रहा है कि नीतीश नहीं चाहते कि अनंत सिंह की पत्नी मंत्री बने इसी तरह सुनील सिंंह को लेकर भी नीतीश सहज नहीं है वहीं कांग्रेस अभी भी मंत्रिमंडल में दो सीट चाह रहे हैंंबिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नीतीश एक बार फिर पेंच फंसा दिया है।★
बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एक बार फिर मामला उलझता जा रहा है। नीतीश को राजद कोटे से बनने वाले मंत्री के नाम को लेकर एतराज है कहा ये जा रहा है कि नीतीश नहीं चाहते कि अनंत सिंह की पत्नी मंत्री बने इसी तरह सुनील सिंंह को लेकर भी नीतीश सहज नहीं है वहीं कांग्रेस अभी भी मंत्रिमंडल में दो सीट चाह रहे हैंंबिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नीतीश एक बार फिर पेंच फंसा दिया है। ऐसी खबर बिहार के लुटियन जोन से आ रहा है। खबर ये है कि राजद कोटे से जिन दो लोगों को मंत्री बनना है उसके नाम को लेकर नीतीश सहज नहीं है।और कहा ये जा रहा है कि तेजस्वी को समझाने के लिए मंत्री संजय झा के माध्यम से मनोज झा से बातचीत चल रही है।
राजद कोटे से एक भूमिहार और एक राजपूत को मंत्री बनना है भूमिहार कोटे से अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह सबसे मजबूत दावेदार है लेकिन नीतीश चाहते हैं कि नीलम सिंह की जगह कोई और मंत्री बने दूसरा नाम कार्तिकेय सिंह का है जो अनंत सिंह का करीबी माना जाता है ऐसे में नीलम सिंह मंत्री नहीं बनायी जाती है तो कार्तिकेय सिंह मंत्री बने ये अनंत सिंह नहीं चाहेंगे ऐसे में तीसरा नाम पहली बार पश्चिम चंपारण से जीत कर आये विधान पार्षद सौरभ कुमार है नीतीश को इससे कोई परेशानी नहीं है लेकिन तेजस्वी अनंत सिंह को नाराज कर सौरभ को मंत्री बनाये ये सहज नहीं है।
बात राजपूत कोटे कि करे तो विधान पार्षद सुनील सिंह से नीतीश का छत्तीस का रिश्ता रहा है कई बार विधान परिषद में आमने सामने हो चुका है। 2020 के विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के दौरान सुनील सिंह के यहां छापेमारी भी हुई थी नीतीश सुनील सिंह मंत्री बने उसको लेकर सहज नहीं है ऐसे में राजद के पास आनंद मोहन का बेटा चेतन आनंद ,रामा सिंह की पत्नी गीता सिंह और सहरसा से विधान परिषद जीत कर आये अजय सिंह हैं।
सुनील सिंह के बाद चेतन आनंद सबसे मजबूत दावेदार है क्यों कि जदयू और राजद भी सुधाकर सिंह के साथ हुए व्यवहार के कारण राजपूत मतदाता जिस तरीके से नाराज है ऐसे में आनंद मोहन ही हैं जो कुछ हद तक नराजगी कम कर सकते हैं वैसे मनोज झा चाहते हैं अजय सिंह राजपूत कोटा से मंत्री बने।
इसी तरह कांग्रेस मंत्री के दो पद से कम के लिए तैयार नहीं है क्यों कि उन्हें अपने सवर्ण आधार को साधना है ऐसे में ब्राह्मण से दो नाम मदन मोहन झा और प्रेम चन्द्र मिश्रा का है नीतीश के लिए मदन मोहन झा ज्यादा सहज है प्रेम चन्द्र मिश्रा के बनिस्बत दूसरा नाम अजीत शर्मा का है लेकिन भूमिहार अध्यक्ष है ऐसे में इनकी दावेदारी थोड़ी कमजोर पड़ रही है तो फिर बचता है औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर लेकिन आनंद शकर को लेकर निखिल कुमार सहज नहीं है साथ ही सुशील मोदी भी चाहते हैं कि रामाधार सिंह का औरंगाबाद में स्पेस बना रहे ऐसे में इनके नाम पर भी पूरी तौर पर सहमति नहीं बन पा रही है और यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नीतीश रुचि नहीं दिखा रहे हैं।