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ई. युवराज, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★शाहनवाज हुसैन ने मुझे खन्ना मार्केट में मिलने बुलाया। वहां पता चला कि वे छतरपुर में शर्मा फार्म हाउस पर हैं। मैं वहां पहुंची, तो उन्होंने मुझे कोल्ड ड्रिंक पिलाई, पकौड़े खिलाए। बार-बार मुझसे धर्म बदलने के लिए कहते रहे। अचानक मुझे नशा होने लगा। शाहनवाज हुसैन ने मेरा रेप किया। मैं बेहोश हो गई। रात ढाई बजे मुझे जब होश आया तो मैं इंडिया गेट के पास सड़क किनारे पड़ी थी।’ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शाहनवाज हुसैन की मुश्किलें बढ़ गईं। उन पर रेप और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाने वाली महिला बीते 4 साल से केस लड़ रही हैं। दिल्ली के लोकल कोर्ट, सेशन कोर्ट, हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस मामले में शाहनवाज हुसैन के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए★
‘12 अप्रैल 2018 का दिन था। शाहनवाज हुसैन ने मुझे खन्ना मार्केट में मिलने बुलाया। वहां पता चला कि वे छतरपुर में शर्मा फार्म हाउस पर हैं। मैं वहां पहुंची, तो उन्होंने मुझे कोल्ड ड्रिंक पिलाई, पकौड़े खिलाए। बार-बार मुझसे धर्म बदलने के लिए कहते रहे। अचानक मुझे नशा होने लगा। शाहनवाज हुसैन ने मेरा रेप किया। मैं बेहोश हो गई। रात ढाई बजे मुझे जब होश आया तो मैं इंडिया गेट के पास सड़क किनारे पड़ी थी।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री और BJP नेता शाहनवाज हुसैन पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ये कहते हुए गुस्से में नजर आती हैं। मैं उनसे दिल्ली हाईकोर्ट के कंपाउंड में मिली। वे कहने लगीं, ‘शाहनवाज मेरे सामने हिंदुत्व की बातें करते, लेकिन मुझे बार-बार धर्म बदल कर मुसलमान बनने के लिए कहते थे। जिस दिन मेरा रेप किया, उस दिन मुझे गाय का मांस खिलाने की कोशिश भी की। शाहनवाज कम उम्र की लड़कियों को देह व्यापार के लिए अरब देशों में भेजने का काम भी करते हैं।’
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शाहनवाज हुसैन की मुश्किलें बढ़ गईं। उन पर रेप और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाने वाली महिला बीते 4 साल से केस लड़ रही हैं। दिल्ली के लोकल कोर्ट, सेशन कोर्ट, हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस मामले में शाहनवाज हुसैन के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए।
कोर्ट ने शाहनवाज के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश भी दिया है। 16 जनवरी को दिए आदेश में अदालत ने शाहनवाज के वकीलों से कहा, ‘निष्पक्ष जांच होने दीजिए, अगर कुछ नहीं है तो आप बेदाग साबित होंगे।’ उधर, शाहनवाज अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें राजनीति से प्रेरित बताते हैं।
2014 में शुरू हुई कहानी, शाहनवाज के छोटे भाई पर भी आरोप
रेप विक्टिम से मुलाकात हुई तो सामने उम्र से पहले बूढ़ा हुआ शरीर, तनाव और अवसाद से भरा चेहरा लिए एक अधेड़ महिला नजर आई। मेरे सवाल करते ही 47 साल की महिला शाहनवाज और उनके भाई शाहबाज पर बरस पड़ीं- ‘मैं बिहार की रहने वाली हूं और साल 2002 से एक NGO चलाती हूं। घर में न पिता थे न भाई, सिर्फ मैं, मां और बहन ही थे। NGO के काम के सिलसिले में साल 2014 में मेरी दिल्ली में शाहनवाज हुसैन से मुलाकात हुई थी। मैं उनके पंडित पंत मार्ग वाले घर गई थी। वहां उनके छोटे भाई शाहबाज भी मौजूद थे।’
‘शाहबाज ने मुझसे कहा कि शाहनवाज के सारे काम वही देखते हैं और मैं उनसे संपर्क में रहूं। मेरी उनसे दो-तीन बार बात हुई, जिसके बाद वे बहाने से मुझसे मिलने घर आ गए। देर तक बैठे रहे और फिर गंदी बातें करना शुरू कर दिया। मेरे साथ छेड़छाड़ भी की।’
‘मैं शाहबाज की शिकायत लेकर शाहनवाज हुसैन के पास पहुंची। उन्होंने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव है और मैं भी लड़ रहा हूं। अभी आप चुप रहिए, मैं चुनाव के बाद इस बारे में बात करूंगा। मैं उन्हें बड़े भाई की तरह मानती थी, उन पर भरोसा था, इसलिए मैंने ये बात मान ली। जब चुनाव हो गए और वो हार गए, तब मैं फिर उनके पास गई और कहा कि अब कुछ एक्शन लीजिए।’
‘तुम जैसी औरतें ऐसे कामों के लिए ही होती हैं’
रेप पीड़िता ने आगे बताया- ‘शाहनवाज हुसैन ने भाई को कुछ कहने की जगह मुझसे ही बदतमीजी से बात करना शुरू कर दिया। कहा कि तुम जैसी औरतें ऐसे ही काम के लिए बनी हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि अभी तुम्हारी बहन की शादी नहीं हुई है, अगर हमारे खिलाफ बोलोगी तो कोई तुम्हारी बहन से शादी नहीं करेगा। मुझे चुप होना पड़ा।’
‘जब मेरी बहन की शादी हो गई तो मैं फिर शाहनवाज हुसैन के पास गई। इस बार उन्होंने बैठकर बात करने और मसला सुलझाने के लिए कहा। मुलाकात के लिए 12 अप्रैल 2018 का दिन तय हुआ था। शाहनवाज के दोस्त आरके राणा मुझे लेने आए और बहाने से मेरा फोन ले लिया। शाहनवाज ने मुझे खन्ना मार्केट में मिलने बुलाया था। वो नहीं आए, एक मैसेज भिजवाया कि छतरपुर में शर्मा फार्म हाउस पर आ जाओ।’
‘इसके बाद मैं शर्मा फार्म हाउस गई। वहां शाहनवाज ने मुझे नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाकर मेरे साथ रेप किया। मुझे होश आया तो मैं इंडिया गेट के पास पड़ी थी, फोन भी पास में पड़ा था। जैसे-तैसे ऑटो करके घर पहुंची और मां को सारी बातें बताईं। मां ने समझाया था कि ये बड़े लोग हैं, इनसे नहीं लड़ पाएंगे।’
मैंने इस बारे में आरके राणा से भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘सभी आरोप गलत हैं। मैं उस महिला से कभी मिला भी नहीं हूं। हम जांच में सहयोग कर रहे हैं।’
पुलिस ने मुझे ब्लैकमेलर कहा, हर बार थाने से भगा देते थे
रेप पीड़िता ने बताया- ‘अगले दिन मैं एक दोस्त के साथ महरौली थाने गई। मेरा आधार कार्ड और पैन कार्ड देखने के बाद पुलिसवाले कहने लगे कि तुम जैसी फर्जी औरतें रोज ऐसी शिकायतें लेकर आती हैं। मुझे खूब उल्टा-सीधा कहा गया। मैं लगातार थाने जाती रही, वो मुझे वहां से भगाते रहे। मेरी थाने में नहीं सुनी गई तो मैं DCP से मिली और 26 अप्रैल 2018 को लिखित शिकायत दी, लेकिन तब भी FIR नहीं हुई। न 164 के तहत (मजिस्ट्रेट के सामने) मेरा बयान दर्ज कराया गया और न ही मेरा मेडिकल कराया गया।’
‘पुलिस से निराश हो गई, तो 21 जून 2018 को नई दिल्ली के
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, साकेत कोर्ट में शिकायत की। शाहनवाज हुसैन के खिलाफ IPC की धाराओं 376, 328, 120B, 506 के तहत शिकायत दर्ज कराई। साथ ही CrPC के सेक्शन 156(3) के तहत कोर्ट से पुलिस को शाहनवाज के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देने की अपील की थी।’
25 जून 2018 को कोर्ट ने मामले में महरौली के SHO से एक्शन टेकन रिपोर्ट यानी ATR मांगी। 4 जुलाई 2018 को पुलिस ने कोर्ट में बताया कि उसकी जांच में आरोप सही नहीं पाए गए हैं। पुलिस ने कोर्ट में कहा था- आरोप झूठा है, कोई सबूत नहीं मिला।
शाहनवाज कथित घटना के दिन रात 9:15 बजे के बाद अपने घर से बाहर नहीं निकले। ऐसे में महिला के उनके रात 10:30 बजे छतरपुर में होने का आरोप सही नहीं हो सकता। गवाहों ने इस दावे की पुष्टि नहीं की और CCTV फुटेज से भी इन दावों की पुष्टि नहीं हुई।’
हर अदालत के चक्कर काटे, अब सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद दी है
7 जुलाई 2018 को साकेत कोर्ट ने पुलिस को मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने CrPC के सेक्शन 164 के तहत महिला का बयान दर्ज कराने, पीड़ित और आरोपी की मेडिकल जांच कराए जाने का भी आदेश दिया। अपने खिलाफ FIR दर्ज होने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शाहनवाज हुसैन दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे।
करीब 4 साल बाद 17 अगस्त 2022 को जारी आदेश में दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहनवाज की याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत के FIR दर्ज करने के फैसले को बरकरार रखा था। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को शाहनवाज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, सुप्रीम कोर्ट ने भी शाहनवाज की याचिका खारिज कर कहा कि आरोपों की जांच होनी चाहिए।
रेप पीड़िता बताती हैं- ‘मैं थाने और कोर्ट के धक्के खाती रही। मुकदमा छोड़ दूं, इसके लिए मुझे डराया-धमकाया जाता रहा। पुलिस मेरे घर आती थी और परेशान करती थी। इसी दर्द में मेरी मां भी गुजर गईं। रेप होने के दो दिन बाद ही मैंने तय कर लिया था कि मैं इंसाफ के लिए लड़ूंगी। अगर मैं नहीं बोलूंगी तो ऐसे नेता आगे भी इसी तरह महिलाओं को शिकार बनाते रहेंगे।’
‘अगर मैं झूठी हूं तो अदालत में मुझे झूठा साबित किया जाए। शाहनवाज हुसैन मुकदमे से क्यों डर रहे हैं। अगर मेरा आरोप झूठा है तो अदालत मुझे भी सजा देगी। शाहनवाज हुसैन ने मेरा बलात्कार नहीं किया है, तो वो क्यों मेरे सामने नहीं आ रहे हैं।’
शाहनवाज आरोपों पर 4 साल में सिर्फ एक बार बोले
महिला से मुलाकात के बाद हमने शाहनवाज हुसैन से भी इस बारे में बात करने की कोशिश की। उनके ऑफिस से इस बारे में बात करने से इनकार कर दिया गया। शाहनवाज पर पीड़िता 4 साल से रेप के आरोप लगा रही हैं, लेकिन उन्होंने इस पर सिर्फ एक बार ही बोला है।
दिल्ली हाईकोर्ट से मिले झटके के बाद शाहनवाज सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इसी दौरान अगस्त 2022 में उन्होंने कहा था- ‘मैं कई दशक से सार्वजनिक जीवन में हूं। अलग-अलग पदों पर रहते हुए बहुत सम्मान अर्जित किया है। शुरुआती जांच में ही जो मामला झूठा पाया गया, उसमें अगर FIR दर्ज होती है तो यह मेरी छवि को नुकसान पहुंचाएगा।’
न मेडिकल हुआ न बयान दर्ज हुआ, केस मुश्किल है
मैं महिला के वकील संजीव से भी मिली। संजीव कहते हैं- ‘हम साल 2018 से लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं। इस मामले में 156/3 के तहत FIR का आदेश हुआ। सभी कोर्ट ने माना है कि ये मामला सुनवाई के लायक है। हमने साबित किया कि आरोप सही हैं और बलात्कार हुआ है। इस मामले में पीड़िता का मेडिकल नहीं हुआ है और ना ही मौके से सबूत जुटाए गए हैं। 4 साल बाद अब आरोपों को साबित करना चुनौती है, लेकिन असली चुनौती शाहनवाज हुसैन के सामने होगी, क्योंकि उन्हें ये साबित करना होगा कि उन्होंने रेप नहीं किया है।’
संजीव ने बताया कि ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 18 जनवरी को मामले में FIR होनी थी, लेकिन अब तक हमें इसकी कॉपी नहीं मिली है। FIR के बाद मजिस्ट्रेट के सामने बयान होंगे। इसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी हो सकती है।’
इस मामले में एडवोकेट संगीता ने भी पीड़िता की काफी मदद की है। संगीता सिंह कहती हैं, ‘ मेरी उनसे साल 2019 में जंतर-मंतर पर मुलाकात हुई थी। हाईकोर्ट ने जब FIR दर्ज कराने का आदेश दिया तो हम उसकी कॉपी लेकर महरौली थाने पहुंचे। थाने में हमारे साथ मारपीट की गई, FIR करने से भी इनकार कर दिया। जिन लोगों ने मारपीट की, उन्होंने पुलिस का बैज नहीं लगाया था।’
शाहनवाज हुसैन के वकील बता रहे, आरोप झूठ हैं
शाहनवाज हुसैन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सीनियर वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत से कहा- ‘महिला ने कई बार पुलिस से शिकायतें की हैं। पुलिस ने जांच की है। किसी शिकायत में कुछ नहीं निकला है। ये सिलसिला यूं ही नहीं चलता रहना चाहिए।’
मुकुल रोहतगी ने कहा- ‘पीड़िता के आरोप ‘बोगस’ और ‘दुर्भावनापूर्ण’ है। शाहनवाज हुसैन की छवि बिगाड़ने के लिए ऐसा किया जा रहा है।’