न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★आर एस भट्टी को बिहार का नया डीजीपी बनाया गया है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आर एस भट्टी जितने लालू के खासम खास है उतने ही नीतीश कुमार के भी खासम खास है। एक तरह से कहा जाए तो आर एस भट्टी ना होते तो नीतीश कुमार कभी भी आसानी से बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बन पाते।★
आर एस भट्टी को बिहार का नया डीजीपी बनाया गया है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आर एस भट्टी जितने लालू के खासम खास है उतने ही नीतीश कुमार के भी खासम खास है। एक तरह से कहा जाए तो आर एस भट्टी ना होते तो नीतीश कुमार कभी भी आसानी से बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बन पाते। साल 2005, राबड़ी देवी सरकार का 5 साल पूर्ण हो चुका था और बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी हो रही थी। उस साल बिहार में 2 बार चुनाव करवाए गए। पहला फरवरी में दूसरा अक्टूबर में। पहली चुनाव के बाद किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं प्राप्त हुआ था, जिस कारण बिहार में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। उस साल चुनाव आयोग ने के जे राव को पर्यवेक्षक बनाकर बिहार भेजा था।
कमान संभालते ही केजे राव ने सबसे पहले कहा था कि मुझे आरएस भट्टी चाहिए। मुझे उनको सिवान भेजना है। जानकारों का कहना है कि केजे राव और आर एस भट्टी की जब पहली मुलाकात पटना एयरपोर्ट पर हुई तो उन्होंने भट्टी से कहा था मुझे शहाबुद्दीन चाहिए। भट्टी ने केजे राव को निराश नहीं किया। सीवान में बतौर डीआईजी पोस्टिंग के 15 वें दिन शहाबुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया।
आसान भाषा में कहा जाए तो नीतीश कुमार के सीएम बनने में केजे राव और आर एस भट्टी का महत्वपूर्ण योगदान है। क्योंकि इन दोनों अधिकारियों ने ऐसे माहौल बनाए जिसमें बिना बूथ कप्चरिंग के बिहार में पहली बार चुनाव करवाया गया। परिणाम स्वरूप जदयू और भाजपा को आखिरकार बहुमत प्राप्त हुआ।
भट्टी के बारे में कहा जाता है कि उन्हें जहानाबाद जिला का जब एसपी बनाया गया वहां उन्होंने अपराधियों को शांत कर दिया था। उस समय बिहार में रणवीर सेना का आतंक हुआ करता था। एक बार तो मुठभेड़ में उन्होंने रणवीर सेना के एक आदमी को भी मार गिराया था।
भट्टी के काम से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी काफी खुश रहा करते थे। यही कारण था कि एक बार उन्होंने गोपालगंज को अपराध मुक्त बनाने के लिए भट्टी को गोपालगंज का जिम्मा सौंपा था।