न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
कल 5 जुलाई है। यह तारीख बिहार की राजनीति के लिए बेहद खास है। यहां लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की सियासी युद्ध कल जमीन पर नजर आएगा। मौका होगा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और LJP के संस्थापक रामविलास पासवान की पहली जयंती का। इसे पार्टी के दो गुट मनाने जा रहे हैं। सांसद पशुपति कुमार पारस का बागी गुट पटना में पार्टी कार्यालय में समारोह आयोजित करेगा। दूसरी तरफ, चिराग पासवान और उनकी टीम है। चिराग अपने पिता की जयंती मनाने के लिए उनके संसदीय क्षेत्र रहे हाजीपुर के सुल्तानपुर को चुना है। पार्टी में टूट के बाद चिराग पहली बार सोमवार को बिहार आ रहे हैं।
दिवंगत नेता रामविलास पासवान ने 1977 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने पर सुल्तानपुर में ही संसदीय मीटिंग की थी। रविवार को प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके सारे कार्यक्रम कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होंगे। पिता के बाद हाजीपुर से चिराग से बगावत करने वाले उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ही सांसद हैं। इसलिए पार्टी में उठे बवाल के बाद इस जगह को विशेष तौर पर चुना गया है।
कैंसिल हुआ जमुई का प्रोग्राम
चिराग दिल्ली से सुबह 11 बजे की फ्लाइट से पटना पहुंचेंगे। इसके बाद वे हाईकोर्ट के पास स्थित डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा पर मार्ल्यापण करेंगे। फिर राजेंद्र नगर टर्मिनल, धनुकी मोड़ से गांधी सेतु के रास्ते वैशाली जिले के जढ़ुआ पहुंचेंगे। वहां बरैय टोला के जगदम्बा स्थान में बाबा चौहरमल की प्रतिमा मार्ल्यापण करने के बाद सुल्तानपुर गांव पहुंचेंगे। वहां दीना पासवान के घर के बाहर अपने पिता की पहली जयंती मनाएंगे। फिर शाम को 5 बजे उनकी आशीर्वाद यात्रा शुरू होगी। जो हाजीपुर, रामाशीष चौक और सोनपुर होते हुए दीघा के रास्ते वापस पटना आ जाएंगे।
प्रवक्ता राजेश भट्ट के अनुसार 6 जुलाई को पूरे समय वो पटना स्थित घर पर ही रहेंगे। यह समय बिहार की मीडिया से बात करने के लिए रिजर्व रखा गया है। फिर 7 जुलाई को वो चचेरे भाई प्रिन्स राज के संसदीय क्षेत्र समस्तीपुर में हुंकार भरेंगे। 8 को बेगूसराय तो 9 को खगड़िया और 10 जुलाई को कटिहार में रहेंगे।
चुनाव आयोग के पास पार्टी का मामला
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद चिराग पासवान बिहार से जो दिल्ली गए थे, उसके बाद आए नहीं। फिर कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई। इसके बाद वो लंबे वक्त तक बीमार रहे। पिछले महीने उनके चाचा पुशपति कुमार पारस समेत 5 सांसदों ने मिलकर लोजपा को तोड़ दिया। पार्टी दो भागों में बंट गई। दोनों गुट अब पार्टी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। मामला चुनाव आयोग के पास पेंडिंग पड़ा है।
स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं ने की बड़ी तैयारी
इन घटनाओं के बाद चिराग पासवान पहली बार बिहार आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनके पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनके जोरदार स्वागत की तैयारी में जुट गए हैं। एयरपोर्ट से लेकर पूरे शहर को होर्डिंग और बैनरों से सजा दिया है। चाचा के गुट वाली लोजपा से ज्यादा चिराग गुट वाली लोजपा के होर्डिंग और बैनर खूब दिख रहे हैं। फूल और मालाओं की बड़ी खेप रविवार को ही मंगवा कर रख ली गई है।