न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव : बंगाल के बाद अब उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेगा जदयू, अतिपिछड़ा बहुल 200 सीटों पर नीतीश उतारेंगे अपना उम्मीदवार
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
बंगाल के बाद अब उत्तर प्रदेश के अगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की सहयोगी और बिहार का सत्ताधारी दल जदयू भी अपने प्रत्याशी उतारेगा. जदयू ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी की यूपी में अतिपिछड़ा बहुल करीब दो सौ विधानसभा सीटों पर नजर है. यूपी के चुनाव में वीआइपी ने भी रुचि दिखायी है. जदयू ने यह भी साफ कर दिया है कि उसका सपा, बसपा और कांग्रेस के साथ कोई तालमेल नहीं होगी. भाजपा के साथ वह तालमेल चाहता है.
इस संदर्भ में यूपी के जदयू प्रभारी केसी त्यागी ने बताया कि उनकी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुरुआती दौर की बातचीत हुई है. जदयू की समझ है कि वहां चौहान, मल्लाह, कुशवाहा जैसी अतिपिछड़ी जातियों की कोई सर्वमान्य पार्टी नहीं है और उनके कोई नेता भी नहीं दिख रहे. इन जातियों के मतदाता फिलहाल उदासीन हैं.
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने यूपी की योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि यूपी सरकार में समाज में बेचैनी है. सबकों बराबर की हिस्सेदारी चाहिए. अब हर कोई हक चाहता है. त्यागी ने कहा, ‘यहां पर किसानों और पिछड़े वर्ग को न्याय नहीं मिल पा रहा है. हम 200 सीट पर उम्मीदवार उतारेंगे जिसमें सबसे ज्यादा किसान और पिछड़े वर्ग के लोग होंगे. किसानों ने ही योगी और मोदी की सरकार बनाई है इसलिए इन्हें अन्य मतदाता नहीं समझना चाहिए.
मीडिया द्वारा पूछ गए एक सवाल के जवाब में केसी त्यागी ने कहा कि हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में हैं. पहली प्राथमिकता बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरने की रहेगी, लेकिन अगर सीटों को लेकर बात बनी तो हम किसी के भी साथ जा सकते हैं. समाजवादी पार्टी को लेकर सवाल पर त्यागी ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) से हमारे अलग रिश्ते हैं लेकिन हम पार्टी के साथ नहीं जा सकते. वह विरोधी पार्टी है. जेडीयू के फ्रेमवर्क में एआईएमआईएम के लिए कोई जगह नहीं है.
वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि वीपी सिंह के सन्यास लेने के बाद जनता दल टूटता गया और एक हिस्सा सपा में चल गया. वहां वो लोग अपने आप को उपेक्षित महसूस करते हैं. जेडीयू यूपी में नए जोश के साथ उतरने को तैयार है. उन्होंने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार ने उतारने को गलती बताया.