न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. मुख्य सचिवालय में चल रही नीतीश कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो गई है. बैठक में कुल 10 एजेंडों पर मुहर लगी है. पंचायत प्रतिनिधियों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. परामर्शी समिति के गठन को लेकर अध्यक्ष और सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद की बैठक में मुहर लगी है.
मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की इस अहम बैठक में कुल 10 एजेंडों पर मुहर लगी है. इस महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को लेकर परामर्शी समिति के गठन वाले प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. सरकार के इस निर्णय के बाद पंचायत के मुखिया का पदनाम प्रधान परामर्शी समिति ग्राम पंचायत होगा. प्रधान परामर्शी समिति वो सभी काम करेगी, जो एक निर्वाचित मुखिया करते हैं.
इसी तरह तरह प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, अंचल निरीक्षक और प्रखंड समन्वयक कार्यकारी समिति में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में रहेंगे. समिति की बैठक में मौजूद रहेंगे. इन्हें मतदान का अधिकार नहीं होगा. योजनाओं में अनियमितता को रोकने और विभाग के संज्ञान में लाने की जिम्मेदारी इनकी होगी.
बता दें कि बता दें कि बिहार पंचायती राज कानून में संशोधन के लिए बिहार सरकार अध्यादेश ला चुकी है. जिसपर बीते 3 जून को ही राज्यपाल फागू चौहान ने 15 जून बाद त्रिस्तरीय पंचायतों के संचालन के लिए कानून में संशोधन और परामर्शी समिति के गठन के प्रस्ताव पर मुहर भी लगा दी थी.
इसके अलावा सरकार ने बिहार पुलिस मुख्यालय के दंगा विरोधी वाहनियों को विकसित करने के लिए विभिन्न प्रकार के वाहनों की खरीदारी के लिए 36 करोड़ 41लाख 20 हजार की स्वीकृति दी गई है. सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 64942 लाख रुपये और मनरेगा के लिए 53351 लाख रुपये की स्वीकृति दी है.