
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
पटना जिले में वर्ष 31 दिसंबर 1995 के बाद नियुक्त 600 से अधिक सहायक शिक्षकों के वेतन में कटौती होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी ज्योति कुमार ने फरवरी माह से इन शिक्षकों के वेतन में 40 फीसदी कटौती का आदेश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को दिया है। मामला शिक्षा विभाग के नियम को दरकिनार कर शिक्षकों को प्रोन्नति व बढ़ा हुआ वेतन देने का है। इसकी जांच के लिए सामाजिक कार्यकर्ता गायत्री देवी ने एक जुलाई 2020 को प्रमंडलीय आयुक्त को आवेदन दिया था।
शिक्षकों का हर माह 7 से 8 हजार रुपए वेतन भी बढ़ गया
आवेदन में आरोप था कि डीईओ ज्योति कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना केशव कुमार और लिपिक शंभू कुमार ने 31 दिसंबर 1995 के बाद नियुक्त शिक्षकों काे गलत तरीके से वरीय वेतनमान का निर्धारण कर करोड़ों रुपए सरकारी राशि की बंदरबांट की है। 600 से अधिक शिक्षकों को प्रथम उन्नयन ग्रेड पे- 4600 रुपए देते हुए नियुक्ति से प्रशिक्षित मानकर वेतन का निर्धारण किया गया। इसके कारण सप्तम पुनरीक्षित वेतनमान में प्रत्येक शिक्षक को 2 से 3 वार्षिक वेतन वृद्धि हो गई। इसमें एक-एक शिक्षक को 6 से 7 लाख बकाया का एक मुश्त भुगतान किया गया। इसके बाद हर माह 7 से 8 हजार वेतन भी बढ़ गया। जबकि, प्रोन्नति नियमावली के तहत 12 वर्षों की संतोषजनक सेवा के बाद वरीय वेतनमान के रूप में प्रथम उन्नयन ग्रेड पे- 4600 रुपए देने का प्रावधान है।
सामाजिक कार्यकर्ता की दुबारा शिकायत पर हुआ अनुपालन
सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को जांच के आदेश दिए। हैरान करने वाली बात यह है कि आरोप डीईओ पर था। लेकिन, जांच कर रिपोर्ट भी उन्होंने ही तैयार की और क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को बताया गया कि वेतन पुनरीक्षण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इसके बाद शिकायतकर्ता ने फिर आयुक्त का दरवाजा खटखटाया। इस पर आयुक्त ने आरडीडीई को पत्र लिखकर उनसे खुद जांच करने को कहा। इसके बाद आरडीडीई ने जांच शुरू की। सूत्रों के मुताबिक अबतक 85 शिक्षकों को गलत लाभ का मामला सामने आया है। अभी जांच जारी है। सूत्रों के मुताबिक यह संख्या 600 पार जाएगी। इस बीच डीईओ ने 40% वेतन कटौती का आदेश जारी कर दिया।
डीईओ बोले- कितने शिक्षकों का बढ़ा वेतन, मालूम नहीं, ज्योति कुमार ने बताया कि कितने शिक्षकों का वेतन बढ़ा है, इसकी जानकारी स्थापना शाखा को होगी। 31 दिसंबर 1995 के बाद बहाल शिक्षकों को मैट्रिक प्रशिक्षित वरीय वेतनमान दिया गया। इसको रद्द किया जाता है। साथ ही फरवरी से प्रत्येक माह के वेतन से 40% वसूली होगी।