
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
राज्य के लोगों की सालाना आय में स्थिर मूल्य पर पिछले साल की तुलना में 2787 रुपए बढ़ोतरी हुई है। फिर भी यह राष्ट्रीय औसत का 36.2% है। राज्य की विकास दर 10.5% है। यह राष्ट्रीय विकास दर 4.2% से दोगुनी से अधिक है। प्रति व्यक्ति आय में सबसे अमीर पटना के लोग हैं, जिनकी औसत आय 1,12,604 रुपए है। देश में प्रति व्यक्ति आय 94,954 रुपए है तो राज्य में 34,413 रुपए है।
इस हिसाब से पटना के लोग देश के लोगों से 17,650 रुपए अधिक अमीर है। पटना के लोगों की औसत आय राज्य की आय से तीन गुना से अधिक है। बीते दशक में राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार तकरीबन दोगुना हो गया है। वर्ष 2011-12 में 2,47,144 रुपए था जो 2019-20 में 4,14,977 हो गया है। विधानमंडल में बजट सत्र के पहले दिन राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2018-19 में राज्य के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 31,626 रु. थी, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 34,413 रुपए हो गई। देश के लोगों की औसत आय 94,954 रुपए हैै। बिहार में जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होने के कारण प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर, राष्ट्रीय दर 5.8 % की तुलना में कम है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.6% थी।
हम दो, हमारे दो की स्थिति आने में लगेंगे और 20 साल
जनसंख्या के मामले में देश में बिहार का तीसरा स्थान है। 2021 में राज्य की अनुमानित आबादी 12.48 करोड़ होगी। ऐसा इसलिए कि राज्य की जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। प्रजनन दर भी अधिक है। हालांकि इसमें लगातार कमी आ रही है। “हम दो, हमारे दो” की स्थिति आने में अभी और 20 साल लगेंगे।
संस्थागत प्रसव में छलांग, 10 फीसदी बढ़ोतरी
आर्थिक सर्वे पेश करने के बाद पत्रकार वार्ता में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार विकास के हर पैमाने पर नया आयाम स्थापित कर रहा है। कोरोना जैसी महामारी का प्रभाव वैश्विक है। बिहार भी इससे अछूता नहीं रहा है, लेकिन इसके बाद भी राज्य की विकास दर पर उतना असर नहीं पड़ा जितना देश के दूसरे राज्यों पर पड़ा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भावी पीढ़ी को शिक्षित करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। प्रारंभिक विद्यालयों में वर्ष 2018-19 में कुल नामांकन 141.35 लाख था, वहीं उच्च प्राथमिक स्तर पर कुल नामांकन 69.34 लाख था। उन्होंने कहा कि राज्य में ड्राॅपआउट में कमी आई है। पांच साल में संस्थागत प्रसव में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 75% स्टेट हाईवे का दोहरीकरण किया गया है। राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली खपत बढ़ी है।
पटना के लोगों की औसत आय 1,12604 रुपये
राज्य के 38 जिलों के बीच सामाजिक-आर्थिक विकास के पैमाने पर काफी विषमताएं हैं। सबसे गरीब जिला शिवहर है, जहां के लोगों की औसत आय 17569 रुपए है। यानी पटना के लोग शिवहर वालों से छह गुना अधिक अमीर हैं। बीते पांच वर्षों में पटना जिले के लोगों की आय 21,197 रुपए बढ़ी तो इसी अवधि में शिवहर के लोगों की आय मात्र 2041 रुपए बढ़ी। यही आर्थिक विकास के पैमाने की विषमता है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में दूसरे स्थान पर बेगूसराय और तीसरे स्थान पर मुंगेर है।