
न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : पटना/ बिहार :
बिहार चैंबर : बिहार काे विशेष योजना या पैकेज नहीं मिलना निराशाजनक, बजटीय घोषणाओं से किसानों के साथ छोटे व मध्यमवर्गीय लोग भी लाभान्वित होंगे, कोरोना महामारी से आई मंदी भी दूर होगी
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने केंद्रीय बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्य के आर्थिक विकास के लिए विशेष योजना या पैकेज का प्रावधान नहीं करने को निराशजनक बताया है। अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि बिहार की आम जनता के साथ-साथ राज्य के उद्यमी अाैर व्यवसायियों को आशा थी कि बजट में विशेष योजना या विशेष पैकेज की घोषणा की जाएगी, क्योंकि पूर्व में भाड़ा समानीकरण नीति और खनिजों पर रॉयल्टी के मद में राज्य को काफी नुकसान हुआ है। राज्य को हमेशा बाढ़ अाैर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है।
केंद्र सरकार से कई बार उत्तर बिहार को तीव्र औद्योगिकीकरण के लिए गैस पाइपलाइन से जोड़ने और विनिर्माण क्षेत्र में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए 5 साल के लिए करावकाश देने की मांग की गई थी। हालांकि सरकार ने स्वास्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर अाैर रिफॉर्म पर फोकस डालते हुए अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने का प्रयास किया है।
कस्टम ड्यूटी में 5 % कमी का सर्राफा व्यवसायियों ने किया स्वागत
ज्वेलरी इंडस्ट्रीज की मांग को ध्यान में रखते हुए बजट में कस्टम ड्यूटी में 5 फीसदी की कमी करते हुए इम्पोर्ट डयूटी 7.5 फीसदी करने का सर्राफा व्यवसायियों ने स्वागत किया है। पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि सोना-चांदी के भाव में कमी आने पर ज्वेलरी इंडस्ट्रीज में बड़ी तेजी आएगी।
बीआईए ने कहा-एमएसएमई (MSME) बजट को दाेगुना करने का बिहार को भी मिलेगा लाभ, नया टैक्स नहीं लगाना अच्छा
बीआईए ने केंद्रीय बजट को लोक कल्याणकारी बताते हुए बिहार के छोटे उद्योगों के लिए लाभदायक बताया। अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि भले ही बिहार के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूक्ष्म, लघु अाेर मध्यम प्रक्षेत्र के उद्योगों के अर्थव्यवस्था में महत्व को स्वीकार करते हुए सरकार द्वारा निर्धारित बजट आकार को दाेगुना करने का लाभ हमारे छोटे उद्योगों को भी मिलेगा। उपाध्यक्ष संजय भरतिया ने कहा कि कोविड महामारी से उत्पन्न हालात से सरकार पर पड़े वित्तीय दबाव के बावजूद कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाना बहुत बड़ी राहत है। महासचिव आशीश रोहतगी ने कहा कि 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, जिनकी आय का स्रोत केवल पेंशन है, को आयकर रिटर्न से छूट, पुराने लंबित आयकर मामले की समय सीमा को घटा कर 3 वर्ष करना, अनुत्पादक साबित हो रहे सीमा कर से जुड़े पुराने नियम एवं अधिसूचना की समीक्षा करने के प्रावधान सराहनीय है।