न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
लोजपा को बड़ा झटका लगा है। 27 पूर्व पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी है। इनमें छह पूर्व प्रदेश महासचिव भी शामिल हैं। पटना के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में सबने एक साथ लोजपा छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस उद्देश्यों को लेकर लोजपा की स्थापना हुई थी, वह पूरी खत्म हो चुका है। पार्टी में तानाशाही हावी है। आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हाे चुका है। शीर्ष नेतृत्व आम कार्यकर्ताओं से दूर हो चुका है। पार्टी को कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं रह गई है।
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी के पूर्व महासचिव केशव सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा, आज वे उपेक्षित हैं। नेतृत्व एकतरफा निर्णय ले रहा है। पार्टी हित की जगह व्यक्तिगत हितों को प्राथमिकता दी जा रही है। लोजपा एनडीए का हिस्सा था, लेकिन चुनाव में सिर्फ अपने स्वार्थों के लिए एनडीए को कमजोर करने की साजिश रची गई। लोजपा छोड़ने वाले लोग एनडीए के साथ ही रहना चाहते हैं। पार्टी ने दो अलग-अलग कमेटी बनायी है, जो एनडीए के विभिन्न दलों से बात करेगी।
इन्होंने छोड़ी लोजपा
विश्वनाथ कुशवाहा, रामनाथ रमण, दीनानाथ क्रांति, सुभाष पासवान, अशोक पासवान, एजाज उस्मानी, कौशल किशोर सिंह कुशवाहा, पारस लाल गुप्ता, विजय कुमार, अमिरेलाल सिंह कुशवाहा, सुरेंद्र पंजियार, अभिनंदन कुशवाहा, सतीश कुमार, जगन्नाथ सिंह, इंदूभूषण ठाकुर, रामजस कुशवाहा, अतुल कुमार सिंह, मंजीत वर्मा, मनोज कुशवाहा, परशुराम कुशवाहा, रामाकांत प्रसाद, प्रदीप गुप्ता, उमेश प्रसाद, रामेश्वर हाजरा, प्रेमचंद्र हाजरा, अमित वर्मा और उपेंद्र राय।