न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी कर्मभूमि चम्पारण को बाल श्रम मुक्त किए जाने का संकल्प लिया जाना अति आवश्यक है। जिससे नई पीढ़ी गुलामी की बेड़ियों से आजाद होकर मानसिक रूप से स्वतंत्र भारत में सुख, शांति, समृद्धि और विकास से अपना जीवन जी सके।
मानव तस्करी रोकने के लिए छापेमारी, दुकानों, होटलों या ढाबे से बाल मजदूरों का रेस्क्यू करने से यह कुप्रथा समाप्त नही होगी बल्कि इन नौनिहालों के अभिभावकों को रोजगारपरक बनाने के पश्चात ही इस समस्या से निजात मिल सकती है। उपरोक्त बातें शैक्षिक, सामाजिक, साहित्यिक एवं संस्कृति की लब्ध प्रतिष्ठित संस्था मेघा फाउंडेशन द्वारा बाल श्रम उन्मूलन, संरक्षण एवं पुनर्वास विषयक सेमिनार में कार्यक्रम के उद्घाटन के पश्चात मुख्य अतिथि के रूप मौजूद वरिष्ठ पत्रकार और सुप्रसिद्ध फिल्मकार डा. राजेश अस्थाना ने कही।
उन्होंने कहा कि अगर इसको मूर्तरूप दिया गया तो यह गांधी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी और चम्पारण पूरे देश मे एक रोलमॉडल के रूप में उभरेगा। कार्यक्रम में काफी संख्या में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन सुप्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक व गांधी संग्रहालय के सचिव ब्रजकिशोर सिंह ने किया। इस अवसर पर ऑनलाईन बेबीनार से जुड़े वक्ताओं ने चंपारण के ढाबों, होटलों के साथ-साथ घरों से भी बाल श्रमिकों को मुक्त कराने की आवश्यकता पर बल दिया। फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश पटेल ने कहा कि मेघा फाउंडेशन पूरे भारत में एक साथ बाल श्रम उन्मूलन, संरक्षण एवं पुनर्वास पर कार्यक्रम आयोजित करेगी।
इस अवसर पर 35 मिनट की बाल मजदूरी उन्मूलन एवं उनके पुनर्वास को दर्शाती महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा प्रशंसा पत्र प्राप्त टेलीफिल्म “कल के भविष्य” उन तमाम बाल मजदूरों को समर्पित है जो जीवन पथ पर बाल मजदूरी करने को विवश हुए हैं।
युवराज मीडिया एण्ड एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत डा. राजेश अस्थाना द्वारा लिखित अभिनीत एवं निर्देशित, निर्माता सीमा रानी की फ़िल्म “कल के भविष्य” में तीन आईएएस अधिकारी रवि परमार मनुभाई, भरत कुमार दुबे, अजय कुमार पाण्डेय, एक आईपीएस डा. कमल किशोर सिंह, छः बीपीएस पदाधिकारी डी एन मेहता डीडीसी, गणेश प्रसाद एडीएम, बिहारी दास एसडीओ के अलावे युवराज, संध्या रानी, धामा वर्मा, डी आनंद, स्व. अरविंद पाठक, पप्पू गुप्ता, सुधीर कुमार, सम्राट, अभिनव आकर्ष समेत दर्ज़नों कलाकारों ने अभिनय किया है। फ़िल्म के छायाकार एस के मन्नू, संपादन रौशन जमाल, संगीत सत्यजीत शरण तथा निर्माण सहयोग एस शिवकुमार आईएएस का है। फ़िल्म की सम्पूर्ण शूटिंग मोतिहारी और आसपास हुई है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों बाल मजदूरी उन्मूलन एवं उनके पुनर्वास को दर्शाती टेलीफिल्म “कल के भविष्य” से हुई कमाई से मोतिहारी के दर्ज़नों बाल मजदूरों के अभिभावकों को स्वरोजगार कराया गया जो आज भी मिशाल है। कार्यक्रम का संचालन मेघा फाउंडेशन के सचिव पत्रकार राकेश कुमार ने किया।