न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : पटना/ बिहार :
अरुणाचल प्रदेश में जदयू विधायकों को भाजपा में शामिल किए जाने के बाद बिहार की सियासत में विपक्ष अपने लिए सम्भावनाएं तलाशने में जुट गया है। हालांकि जदयू और भाजपा दोनों की ही ओर से बार-बार ‘ऑल इज वेल’ का संदेश देने की कोशिश हो रही है लेकिन राजद और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल मानने को तैयार नहीं कि दोनों के बीच सब कुछ सामान्य है।
कल पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने जहां नीतीश के महागठबंधन में वापसी की सम्भावनाओं पर गोलमोल जवाब देकर राजनीतिक पंडितों को नए कयास लगाने का मौका दे दिया था वहीं साल के पहले दिन से पटना की सड़कों, प्रमुख चौराहों पर जगह-जगह पोस्टर लगाकर जेडीयू और भाजपा में टकराव दिखानेकी कोशिशें भी तेज हो गईं हैं। इनमें से कई पोस्टरों पर नीचे राजद नेताओं के फोटो और नाम हैं जिनसे पता चल रहा है कि पोस्टर किसने लगवाए हैं।
इन पोस्टरों में भाजपा नेताओं को सीएम नीतीश की कुर्सी काटते दिखाया गया है। उधर जनता दल यू ने कहा है कि बिहार में कोई सियासी संकट नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस सत्ता में आने के लिए परेशान हैं। इसी परेशानी में तरह-तरह की बयानबाजियों के साथ ही हथकंडे अपनाए जा रहे हैं जो सफल नहीं होने वाले हैं। जद यू के नेता अजय आलोक ने कहा तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जिसके नेता दिल्ली में नया साल मना रहे हैं उनकी क्या बात की जाए। उधर, राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी का गठबंधन बेमेल है।
कल पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी कहा था कि भाजपा बिहार में भी वही कर सकती है जो उसने अरुणांचल में किया। राबड़ी देवी ने कहा था कि भाजपा जब कर देती है तब पता चलता है। नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी की सम्भावनाओं पर राबड़ी देवी ने कहा था कि आवश्यकता पड़ी तो इस बारे में पार्टी के नेता आपस में विचार-विमर्श करके निर्णय लेंगे।