न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : देहरादून/ उत्तराखंड :
कोरोनावायरस संकट के बीच हरिद्वार में अगले साल जनवरी में कुंभ मेले का भव्य आयोजन किया जायेगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ बैठक के बाद यह निर्णय किया. उन्होंने कहा कि कुंभ मेला अपने दिव्य और भव्य स्वरूप में होगा. मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसका विशेष खयाल रखा जायेगा. आने वाले दिनों में कोविड-19 की समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी.
मुख्यमंत्री रावत ने राज्य के मुख्य सचिव को 15 दिन में कुंभ मेले की समीक्षा के निर्देश दिये. मेलाधिकारी से कार्यों की प्रगति की जानकारी लेने के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कुंभ आरंभ होने से पहले ही स्थाई प्रकृति के सभी काम पूरा करने को कहा है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने भी हरिद्वार कुंभ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है.
इस बार भव्य कुंभ मेले में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जायेगा. हर जगह सोशल डिस्टैंसिंग का श्रद्धालुओं से पालन कराया जायेगा. सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे और लगातार निगरानी की जायेगी. पहले दिन होने वाला भव्य उद्घाटन समारोह स्थगित किया जा सकता है. कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए 1000 प्री फैब्रीकेटेड बेड और 50 इमरजेंसी बेड का निर्माण किया जा रहा है. उत्तराखंड सरकार पर्याप्त संख्या में मास्क की खरीदारी भी करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कुंभ की परम्परा एवं संस्कृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा. हालांकि, कोविड-19 के कारण अनेक व्यावहारिक समस्याएं आयी हैं. उन्होंने कहा कि कुंभ शुरू होने पर कोविड-19 की स्थिति के अनुसार कुंभ के स्वरूप को विस्तार दिया जायेगा. ऐसा अनुमान है कि कुंभ मेले के दौरान हर दिन 35 से 50 लाख श्रद्धालु गंगा में पवित्र स्नान करेंगे.
80 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग
हर 12 साल में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार (2021 में) 11 साल में ही हो रहा है. 80 साल के बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है. जनवरी में शुरु होने वाला यह मेला अप्रैल तक चलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में परिस्थितियों के हिसाब से जो भी निर्णय लिये जायेंगे उनमें अखाड़ा परिषद् एवं साधु-संतों के सुझाव जरूर लिये जायेंगे. एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और इसके लिए कुंभ के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है.