
न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
आगामी 3 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग होनी है और इसके ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने बागियों को लेकर बड़ा कबूल नामा किया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने स्वीकार किया है कि बिहार में एनडीए का स्वरूप सही तरीके से खड़ा नहीं हो पाया. संजय जायसवाल ने कहा है कि कार्यकर्ताओं को लेकर बीजेपी हो या जेडीयू दोनों से चूक हुई है और हम एनडीए का स्वरूप खड़ा नहीं कर पाए.
विधानसभा चुनाव में बागियों की तरफ से मिल रही चुनौती को लेकर जब प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी के अंदर जितनी बगावत तो हुई है उतनी ही बगावत जेडीयू के अंदर भी है. इससे एनडीए को नुकसान पहुंच रहा है. एक हिंदी दैनिक को दिए इंटरव्यू में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के बागियों को अंब्रेला मिल गया है हालांकि कहीं ना कहीं कार्यकर्ताओं को लेकर हमसे चूक हुई. जायसवाल ने कहा है कि पिछली बार नंदकिशोर यादव एनडीए के संयोजक हुआ करते थे उन्होंने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने के लिए बड़ा काम किया था जो इस बार नहीं दिखता.
इतना ही नहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी स्वीकार किया है कि मंडल और जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं मिलना नुकसानदेह साबित हो रहा है. 20 सूत्री समिति में हिस्सेदारी होने से कार्यकर्ताओं में एकजुटता रहती थी. कई काम समिति से हो जाते थे. मंडल स्तर पर नेता होते थे और दुर्भाग्य से अभी ऐसा नहीं है. लेकिन चुनाव के बाद पार्टी इसमें सुधार करेगी. हालांकि संजय जयसवाल ने यह कहा है कि उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मजबूती के साथ उन जगहों पर खड़े हैं जहां जेडीयू चुनाव लड़ा है हम पूरी ईमानदारी से गठबंधन धर्म का पालन कर रहे हैं.
हालांकि एक समय अध्यक्ष डॉ जायसवाल के पिता सांसद स्व. डॉ मदन जायसवाल भी चम्पारण में पार्टी के आधार स्तम्भ थे. पर पार्टी से उपेक्षित होकर लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ज्वाइन किए थे और तीन साल बाद स्व. केसरी नाथ त्रिपाठी की पहल पर उनकी वापसी करवायी थी. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नही छापने की शर्त पर न्यूज़ टुडे टीम को बताया कि उपेक्षा का दंश झेले अपने पिता का बदला बीजेपी को इस तरह डैमेज कर अध्यक्ष संजय जायसवाल ने ले लिया. चुनाव के ठीक पीछे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने एक हिंदी दैनिक को जो इंटरव्यू दिया है उसके बाद एनडीए के अंदर जमीनी स्तर पर एकजुटता को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं.
संजय जायसवाल तो लोक सभा चुनाव के बाद अहम आ गया की हम से बढ़कर कोई कार्यकर्ता नहीं, इन्होंने जिला रक्सौल को दो भाग में बांट दिया जिसका परिणाम कुछ अलग हो गया,