न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : नई दिल्ली :
राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश सुबह—सुबह संसद परिसर में धरना दे रहे निलंबित सांसदों से मिलने पहुंचे। बिहार के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि राज्यसभा के उपसभापति महोदय हरिवंश बाबू का बड़प्पन देखिए कि जिन लोगों ने उन पर हमला किया उन्हीं से मिलने गए। ऐसे संत आदमी पर हमला बिहार के गौरव और अस्मिता पर हमला है। बिहार की जनता ऐसे विपक्षियों को जवाब देगी।
उधर, संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा पर निलंबित सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, राजीव सातव, संजय सिंह, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और इलामारन करीम रात भर धरने पर रहे। उन्होंने गाना गाकर विरोध जताया।राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार देर शाम इन निलंबित सांसदों से मिलने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रविवार को दो कृषि बिलों को बिना वोटिंग के पास कर दिया, जबकि विपक्षी सांसद विरोध कर रहे थे। इस मामले में सरकार और उपसभापति गलत थे, जबकि विपक्ष के सांसदों को सजा दी गई। सांसदों ने न उपसभापति को और न ही मार्शल को हाथ लगाया।
दरअसल, रविवार को कृषि से जुड़े दो विधेयक राज्यसभा में पास हुए थे। चर्चा के दौरान इन विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा किया था और उपसभापति हरिवंश का माइक निकालने की कोशिश की थी। इन सभी पर उपसभापति के साथ असंसदीय व्यवहार करने का आरोप है।
कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, एसपी समेत 18 पार्टियों ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा। इसमें कृषि बिल मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार इन बिलों के जरिए देश में अपना एजेंडा लागू करना चाहती है। दरअसल, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून बन जाएंगे।उधर, कांग्रेस ने इन बिलों के विरोध में 24 सितंबर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रजातंत्र का गला घोंटा जा रहा है। पहले नोटबंदी से व्यापार बंदी और अब कृषि बिलों से खेत बंदी की जा रही है। हमने जन आंदोलन की तैयारी कर ली है। अगले 72 घंटे में कांग्रेस राज्यों में और फिर राजभवन के सामने प्रदर्शन करेगी।
सभापति वेंकैया ने उपसभापति हरिवंश पर कार्रवाई की मांग को खारिज कर दिया। कृषि मंत्री के जवाब पर बहस की मांग खारिज होने पर 12 विपक्षी दलों ने रविवार को हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। वेंकैया ने कहा कि कल जो राज्यसभा में हुआ, उसे अच्छा नहीं कहा जा सकता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘8 सांसदों को निलंबित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। ये सरकार के तानाशाही रवैये को दिखाता है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार का लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं है। हम फासिस्ट सरकार के खिलाफ संसद और सड़क पर लड़ते रहेंगे।’’
फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स और दूसरे मुद्दों को लेकर भाजपा सांसद रूपा गांगुली कुछ देर के लिए संसद में धरने पर बैठ गईं। उनका कहना था कि मुंबई फिल्म इंडस्ट्री लोगों की जान लेती है, उन्हें ड्रग्स एडिक्ट बनाती है और महिलाओं को बेइज्जत करती है। फिर भी मुंबई पुलिस चुप बैठी रहती है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साथ पार्टी के नेताओं ने किसान बिलों के मुद्दे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। मीटिंग के बाद सुखबीर सिंह बादल ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति पर बिलों को की मांग की है। किसान बिलों के विरोध में अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने पिछले हफ्ते मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने सोमवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘कोरोना के दौर में जब पूरी दुनिया कठिन दौर से गुजर रही है, मैं सोचती हूं कि वित्त मंत्रालय नियमित तौर पर दूसरे विभागों से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हमारे बीच में गहरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मैं वित्त मंत्री और उनके राज्य मंत्री को बधाई देती हूं। दो लोग ऐसे रहे जो ऐसी चीजों के लिए बिल लेकर आए जिन्हें तत्काल ठीक करने की जरूरत थी।’