न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : नई दिल्ली :
देश भर में विधायक और सांसदों के खिलाफ 4442 आपराधिक मामले स्पेशल कोर्ट में लम्बित हैं। राज्यों के हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए ब्योरे से यह बात सामने आई है। ऐसे सबसे ज्यादा मामले यूपी (उत्तरप्रदेश) के हैं। यहां 446 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ 1217 मामले लंबित हैं। दूसरे नंबर पर बिहार है। यहां 256 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ 531 मामले लंबित हैं।
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट मित्र सीनियर एडवोकेट विजय हंसारिया ने इस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की। रिपोर्ट के अनुसार देश के 2556 विधायक आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। इनमें से कई तो एक से ज्यादा आपराधिक केस के अभियुक्त हैं। कानून बनाने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ करीब 413 ऐसे मामले हैं, जिनमें अधिकतम सजा उम्रकैद है। ऐसे 174 मामले अभी वर्तमान एमएलए व सांसदों के खिलाफ लम्बित हैं।
ये है राज्यों का ब्योरा
उत्तरप्रदेश में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ 1217 मामले निचली अदालतों में लम्बित हैं। ये 446 वर्तमान विधायक व पार्षदों के खिलाफ हैं।
बिहार में ऐसे 531 लम्बित मामलों में 256 आपराधिक मामले सिटिंग एमएलए व एमएलसी के खिलाफ हैं।
तमिलनाडु में 324, महाराष्ट्र में 330 व ओडिसा में 331 आपराधिक मामले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ हैं।
रिपोर्ट के अनुसार लम्बित पड़े आपराधिक मामलों में अधिकांश भ्रष्टाचार, मनी लाउंड्रिंग, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने आदि को लेकर दर्ज हुए हैं। इनमें से कई मामलों पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से रोक भी लगी हुई है।