न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
मोतिहारी में गरीबों को सरकारी अनाज उपलब्ध कराने वाले आपूर्त्ति विभाग की कारगुजारियां लोगों के समझ से परे है. नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर-38 में मोतीझील में फेंके गए लगभग एक सौ राशन कार्ड मिले हैं. जिसे स्थानीय लोग मोतीझील से निकालकर अपने साथ लेकर चले गए हैं. लेकिन अधिकारियों को इसकी भनक भी नहीं लगी. स्थानीय लोगों ने भी अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी.
मोतीझील में मिला राशन कार्ड वार्ड नंबर-38 के लोगों का है. लेकिन सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिसके नाम के कार्ड फेंके हुए हैं. उस नाम के बने पीले कार्ड पर लाभुक पहले से राशन लेते आ रहे हैं, जबकि फेंके गए कार्ड पर भी राशन उठाव की जानकारी अंकित है. एक ही नाम से बने दो राशन कार्ड पर अनाज का उठाव हुआ है.
पीडीस दुकानदार करता है गाली गलौज
वार्ड नंबर-38 के रहने वाले रघुनाथ सहनी ने बताया कि पहले से उनको पीला राशन कार्ड मिला हुआ है. जिस पर वो अनाज उठाते हैं. लेकिन उनके नाम पर बना दूसरा राशन कार्ड जो मोतीझील में फेंका हुआ मिला है. उस पर भी अनाज उठा हुआ है. उन्होंने बताया कि वे लोग अपने पीले कार्ड पर अनाज उठाने जाते हैं, तो पीडीएस डीलर गाली-गलौज करने लगता है.
दोनों राशन कार्ड पर उठा है अनाज
वहीं, जटही देवी ने बताया कि उसके नाम पर बना दूसरा राशन कार्ड मोतीझील में फेंका हुआ मिला है. जबकि वो अब तक पीले कार्ड पर अनाज उठाती आ रही है. उसने बताया कि उसके पास पहले से मौजूद पीला कार्ड और फेंके गए कार्ड में कोई अंतर नहीं है. दोनों कार्ड पर अनाज का उठाव हुआ है.
मल्लाह को मिला था राशन कार्ड
दरअसल वार्ड नंबर-38 के रहने वाले राजेश कुशवाहा जब मोतीझील के किनारे गए थे. तभी मछली पकड़ रहे मल्लाह ने उन्हें मोतीझील में फेंके गए राशन कार्ड की जानकारी दी. इसके बाद राजेश कुशवाहा ने मल्लाह से सभी कार्ड मोतीझील से निकलवाया और अपने घर लेकर चले आए. इसकी जानकारी जब स्थानीय लोगों को हुई, तब उन लोगों ने भी वहां पहुंचकर अपने-अपने नाम का बना दूसरा राशन कार्ड खोज निकाला. राजेश कुशवाहा ने बताया कि मल्लाह के अनुसार मोतीझील में अभी और भी राशन कार्ड फेंका हुआ है.
पीडीएस दुकानदारों पर उठ रहे सवाल
बहरहाल, सरकार जन वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों को सस्ते दर पर राशन उपलब्ध कराती है. लेकिन पीडीएस दुकानदारों की ऐसी कारगुजारियां समय-समय पर सामने आती रहती है. जिस कारण ग्रामीण हंगामा भी करते हैं. लेकिन विभागीय कार्रवाई में सुस्ती के कारण पीडीएस दुकानदार अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं और लाभुकों को अनाज से वंचित रखते हैं.
उजला रंग का है फेंका गया कार्ड
बता दें कि मोतीझील में फेंका गया राशन कार्ड उजले रंग का है और वो 2014-2019 तक के लिए है. जिस पर साल 2014 में मार्च से लेकर नवंबर तक अनाज का उठाव दर्शाया गया है. सभी राशन कार्ड पर अनाज का अलग-अलग वजन भी अंकित है. जबकि उसी नाम के लाभुक के पास मौजूद पीला कार्ड पर भी राशन का उठाव हुआ है, जो जांच का विषय है.
मोतिहारी-राशन कार्ड फेंके जाने के मामले में डीएम ने दिए जांच के आदेश
पूर्वी चंपारण जिला के मेतिहारी की मोतीझील में फेंके गए लगभग एक सौ राशन कार्ड की खबर पर डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने संज्ञान लिया है. डीएम ने सदर एसडीओ प्रियरंजन राजू को इस मामले की जांच की जिम्मेवारी सौंपी हैं. डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सदर एसडीओ को राशन कार्ड फेंके जाने के मामले की जांच के लिए कहा है. इस मामले की जांच करके रिपोर्ट जल्द सौंपने के लिए एसडीओ को निर्देश भी दिया है.