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आशीष राज, स्थानीय संपादक, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★फोर लेन सड़क और गंगा पर सिक्स लेन पुल बनने के बाद यह इलाका उद्योगपतियों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। बस का परिचालन शुरू होने से गरीब तबके के लोग कम खर्च में आवागमन कर सकेंगे। राजेंद्र सेतु पर बड़े वाहनों का परिचालन बंद होने से शिक्षा पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है।★
मोकामा के हथिदह में गंगा पर टू लेन रेल और सिक्स लेन सड़क पुल का निर्माण कार्य 70 फीसदी के करीब पूरा हो चुका है। क्षेत्र के लोगों को उम्मीद है कि निर्माण कार्य पूरा होने पर विकास के द्वार खुलेंगे। दरअसल, राजेंद्र सेतु पर सिंगल लाइन रेल और टू लेन सड़क है। रेलवे लाइन तो चालू अवस्था में है। लेकिन, सेतु का सड़क मार्ग वाहनों के बढ़ते दबाव को लेकर थक चुका है। कई बार मरम्मत कराने के बाद भी रे भारी बाहनों का भर सहन करे में सक्षम नहीं है। इसे लेकर सेतु के दोनों ओर हाइटगेज लगा दिया ‘गया। केवल छोटे सवारी वाहन ही सेतु से गुजर सकते हैं, जिसको लेकर पिछले कई वर्षों से सामान की ढुलाई और यातायात में बड़ी परेशनी सामने आ गई है। राजधानी पटना से बेगूसराय समेत चार पांच जिले की दूरी काफी बढ़ गई है। जबकि, बेगूसराय को उत्तरी बिहार की थोक मंडी माना जाता है। अब मुंगेर से होकर मालबाहक बेगूसराय पहुंचते हैं, जिससे ढुलाई का खर्च बढ़ जाता है।
इधर पटना के बाढ़, मोकामा, शेखपुरा और नालंदा जिले में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों की जीविका पर संकट है, जिसमें ट्रक मालिक, मजदूर, चालक आदि शामिल हैं। हालांकि एक बार फिर राजेंद्र सेतु की मरम्मत की सुगबुगाहट तेज है। बताया जा रहा है कि एनएचएआई ने मरम्मत की जिम्मेदारी भी एक निजी कंपनी को सौंप दी है। लेकिन, यह कहना मुश्किल है कि सफल हो पाएगा। जिसको लेकर नबनिर्मित सिक्स लेन सेतु पर लोगों की नजरें टिकी है। कहा जा रहा है कि जिस रफ्तार से निर्माण कार्य चल रहा है बह दो वर्षों में पूरा हो सकेगा।
फोर लेन सड़क और गंगा पर सिक्स लेन पुल बनने के बाद यह इलाका उद्योगपतियों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। बस का परिचालन शुरू होने से गरीब तबके के लोग कम खर्च में आवागमन कर सकेंगे। राजेंद्र सेतु पर बड़े वाहनों का परिचालन बंद होने से शिक्षा पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है।