
न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कैबिनेट में डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है. अब आप सोच रहे होंगे कि लालू के लाल तेजस्वी यादव वर्तमान समय में बिहार के डिप्टी सीएम है तो उपेंद्र कुशवाहा को कैसे डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. तो उसका जवाब 2020 विधानसभा के बाद पहली बार बिहार में दो डिप्टी सीएम बनाए गए थे. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों पार्टी से नाराज बताए जाते हैं. नीतीश कुमार कुशवाहा को लुभाने के लिए बड़ा कदम उठा सकते हैं.★
अभी-अभी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जाता है कि मकर संक्रांति के बाद अर्थात खरमास के बाद नीतीश कैबिनेट का विस्तार होगा. जदयू, राजद और कांग्रेस कोटे से कई लोगों को मंत्रालय में स्थान दिया जा सकता है. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार सबसे बड़ा चौंकाने वाला मामला उपेंद्र कुशवाहा को लेकर सामने आ रही है. सूत्रों की मानें तो जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कैबिनेट में डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है. अब आप सोच रहे होंगे कि लालू के लाल तेजस्वी यादव वर्तमान समय में बिहार के डिप्टी सीएम है तो उपेंद्र कुशवाहा को कैसे डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.
इस सवाल के जवाब के लिए आपको एनडीए गठबंधन को याद करना होगा जब बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार थी . 2020 विधानसभा के बाद पहली बार बिहार में दो डिप्टी सीएम बनाए गए थे. उस समय तार किशोर प्रसाद और रेनू देवी को बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम का पद दिया गया था.
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों पार्टी से नाराज बताए जाते हैं. नीतीश कुमार कुशवाहा को लुभाने के लिए बड़ा कदम उठा सकते हैं. पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब कुशवाहा से पत्रकारों ने इस बाबत सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था कि किसी को मंत्री बनाना या ना बनाना मुख्यमंत्री का फैसला होता है.
कैबिनेट विस्तार से पहले मकर संक्रांति के दिन उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर दही चुरा भोज का आयोजन किया गया है. इसमें जदयू राजद सहित बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया है. कयास लगाया जा रहा है कि पूरा दही भूत के नाम पर उपेंद्र कुशवाहा शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि अगर आने वाले दिनों में उन्हें मनचाहा पद नहीं दिया जाता है तो उपेंद्र कुशवाहा फिर से एक बार बीजेपी की ओर अपना रुख कर सकते हैं. आपको याद होगा कि 2014 लोकसभा के दौरान उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा अर्थात राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ था.
उस समय उपेंद्र कुशवाहा को मोदी कैबिनेट में मंत्री पद दिया गया था. हालांकि बाद के दिनों में बीजेपी और जदयू का गठबंधन होने के बाद से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ दिया था.