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आशीष राज, स्थानीय संपादक, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★जो लोग हिमाचल प्रदेश में चुनाव हार गए हैं, जो लोग दिल्ली के नगर पालिका चुनाव में बुरी तरह से हार गए हैं वह बिहार के कुढ़नी विधानसभा की बात कर रहे हैं. हम तो वहां पर चुनाव लड़ना भी नहीं चाहते थे लल्लन बाबू ने कहा कि महागठबंधन में 7 पार्टियों का दल है इसलिए हम लोगों ने अपने उम्मीदवार उतारे. पता चला कि जिस को उम्मीदवार बनाया था उसने पंचायत चुनाव में कई लोगों को जिताने और कई लोगों को हराने का काम किया जिसके कारण उसके खिलाफ एक माहौल बन गया.★
अभी-अभी एक बड़ी खबर सामने आ रही है बताया जा रहा है कि आज जदयू के खुला अधिवेशन में CM नीतीश कुमार का बदला बदला हुआ अंदाज देखने को मिला. लोगों को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो लोग हिमाचल प्रदेश में चुनाव हार गए हैं, जो लोग दिल्ली के नगर पालिका चुनाव में बुरी तरह से हार गए हैं वह बिहार के कुढ़नी विधानसभा की बात कर रहे हैं. हम तो वहां पर चुनाव लड़ना भी नहीं चाहते थे लल्लन बाबू ने कहा कि महागठबंधन में 7 पार्टियों का दल है इसलिए हम लोगों ने अपने उम्मीदवार उतारे. पता चला कि जिस को उम्मीदवार बनाया था उसने पंचायत चुनाव में कई लोगों को जिताने और कई लोगों को हराने का काम किया जिसके कारण उसके खिलाफ एक माहौल बन गया.
नीतीश कुमार ने कहा कि आज के समय में देश में एक ऐसी शासन है जो काम करने के बदले सिर्फ प्रचार करती है. जहां उनका जन्म हुआ है वह तो पहले से ही विकसित है उसमें उनका क्या योगदान है. आसान भाषा में कहें तो नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना कहा कि गुजरात को विकसित बनाने में नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नहीं है वह तो पहले से ही विकसित था. देश भर में एक भी काम नहीं हो रहा है युवा रोजगार को लेकर परेशान हैं. घर परिवार चलाने वाले महंगाई को लेकर परेशान हैं.
हमारा काम विपक्ष को एकजुट करना है अगर विपक्ष एकजुट हो गया तो पीएम मोदी की सत्ता जानी लगभग तय है और अगर विपक्ष एकजुट नहीं हुआ तो हमारा क्या लेगा हम पहले जो थे वही रहेंगे. देख लीजिए हिमाचल में किसी विपक्षी दल ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे तो वहां भाजपा का क्या हाल हो गया. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा चुनाव सहित अन्य विधानसभा चुनावों में भी विपक्षी दलों ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे वहां भी भाजपा बुरी तरह से हार गई. इसका साफ मतलब है कि विपक्ष अगर एकजुट रहे तो बीजेपी को जीतने नहीं दिया जा सकता.