न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
बिहार में ताबड़तोड़ तबादलों पर भाजपा के विधायक ने खलबली मचाने वाला बयान दिया है। BJP विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने कहा है कि मंत्रियों ने अफसरों और कर्मियों के तबादलों में जमकर घूस खाई है। खास बात यह है कि ज्ञानू ने अपनी ही पार्टी से आने वाले मंत्रियों पर घूसखोरी का आरोप लगाया है। ज्ञानू की मानें तो नीतीश कुमार के डर से जदयू से आने वाले मंत्रियों ने घूस कम खाई है।
भाजपा से आने वाले मंत्रियों ने डटकर लिया है पैसा : ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू
विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू भाजपा से विधायक हैं, बावजूद इसके उन्होंने भाजपा से आनेवाले बिहार सरकार के मंत्रियों पर ही सीधा हमला बोला है। ज्ञानू ने कहा है कि जदयू के ज्यादातर मंत्रियों ने नीतीश कुमार के डर से पैसा नहीं लिया है, लेकिन भाजपा के मंत्रियों ने तबादलों के लिए जमकर पैसा लिया है। ज्ञानू की मानें तो उन्हें इसकी पक्की खबर उन अफसरों से ही मिली है, जिनका पैसे लेकर ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के 80 फीसदी मंत्रियों ने घूस लिया है और अफसरों को बुला-बुला कर उनसे पैसों की मांग की है।
जदयू में दूसरे दल से आने वाले मंत्री ने भी खूब लिए हैं पैसे
ज्ञानू ने अपने बयान में हालांकि जदयू से आनेवाले ज्यादातर मंत्रियों को क्लीन चिट दी है, लेकिन उन्होंने जदयू के भी कुछ मंत्रियों पर आरोप लगाए हैं। ज्ञानू ने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि जदयू से आनेवाले एक मंत्री जो निर्माण विभाग से जुड़े हैं, उन्होंने भी जमकर ट्रांसफर के लिए पैसे लिए हैं। पैसे लेनेवाले मंत्री को उन्होंने हाइ प्रोफाइल और जदयू में दूसरे दल से आनेवाला बताया है।
पहले भी बगावती बोल बोलते रहे हैं ज्ञानू
ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू भाजपा के वो विधायक हैं, जो पहले भी भाजपा की पोल खोलते रहे हैं। सरकार गठन के दौरान जब भाजपा ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया था, तब भी ज्ञानू ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ जबदस्त नाराजगी जताई थी। ज्ञानू ने भाजपा नेतृत्व पर मंत्री बनाए जाने में जातीय समीकरणों का ख्याल नहीं रखने का आरोप लगाया था। आज भी अपने दिए बयान में ज्ञानू ने भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व से घूस खाने वाले मंत्रियों को हटाने की मांग की है। ज्ञानू 2015 में जदयू और नीतीश कुमार से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए थे। कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू को जदयू में सम्मान नहीं मिलने के कारण पार्टी से अलग होना पड़ा था। अब जब भाजपा में भी उन्हें तवज्जो नहीं दिया जा रहा है, ऐसे में वे लगातार बगावती सुर में बोल रहे हैं। इसमें सबसे खास बात यह है कि अब वह फिर से नीतीश कुमार के प्रति नरम दिख रहे हैं।