
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना- बिहार/ नई दिल्ली :
शाटगन के नाम से मशहूर बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा क्या कांग्रेस को बाय-बाय कर फिर से अपनी पुरानी पार्टी भाजपा (BJP) में वापसी करेंगे? यह सवाल अचानक उठ खड़ा हुआ है शत्रुघ्न सिन्हा के दुखी होने के बाद! दरअसल पटना की लोकसभा सीट से लंबे समय तक भाजपा के सांसद रहे इस नेता ने रविवार को एक ऐसा ट्वीट किया, जिसके बाद सियासी कयास तो तेज हुए ही हैं, लोग चुटकी भी खूब ले रहे हैं। फिलहाल कांग्रेस के साथी शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक ऐसा ट्वीट किया है, जिसकी भाषा उनकी पार्टी के लाइन के विपरीत है और जिसने भाजपाइयों को खुश कर दिया है।
कांग्रेस नेता के इस ट्वीट ने मचाई है हलचल
शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर रविवार को लिखा कि – ‘दुनिया में चार तरह के दुखी लोग होते हैं। पहला वे हैं जो अपने दुखों से दुखी होते हैं। दूसरे वे हैं जो दूसरों के दुख से दुखी होते हैं। तीसरे वे हैं जो दूसरों के सुख से दुखी होते हैं। इसके बाद वे लिखते हैं कि दुखी लोगों का नया वैरियंट वे हैं, जो बिना बात मोदी से दुखी रहते हैं। उनके इस ट्वीट ने न सिर्फ बिहार की राजनीति में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चाओं को हवा दे दी है।
खूब मजे ले रहे ट्विटर यूजर्स
उनके इस ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स खूब मजे ले रहे हैं। घनश्याम उपाध्याय ने कांग्रेस के ही एक और नेता जो पहले भाजपा में थे नवजोत सिंह सिद्धू के पुराने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि आप अकेले इंसान नहीं हैं। आपकी ही तरह ये भी दुखी हैं। अलग-अलग मौके की क्लिपिंग्स को जोड़कर तैयार इस वीडियो में सिद्धू कभी मोदी की तारीफ और मनमोहन-सोनिया की आलोचना तो कभी कांग्रेस नेताओं की सराहना और प्रधानमंत्री की आलोचना करते नजर आते हैं।
चुटकी लेने से नहीं चूके यूजर्स
राजन श्रीवास्तव ने लिखा है कि आप कुछ विशेष दुखी नजर आते हैं। आपका यह दुख अभी लंबा चलेगा। कई यूजर्स ने लिखा है कि प्रधानमंत्री से अंधभक्तों को छोड़कर हर कोई दुखी है। एक यूजर ने लिखा है कि आप बार-बार पार्टी बदलने के बाद भी दुखी हैं। तो कई यूजर्स ने लिखा है कि फिर से भाजपा में चले जाएं, इसी में कल्याण है।
कांग्रेस में जाने का नहीं हुआ कोई फायदा
भाजपा में नरेंद्र मोदी के उभार के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने अलग रास्ता थाम लिया था। उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के नजदीक बताया जा रहा था। कांग्रेस में जाने के बाद उनकी पटना की सांसदी चली गई और इस सीट से भाजपा के रविशंकर प्रसाद चुने गए। शाटगन ने अपने बेटे को कांग्रेस से विधानसभा का चुनाव लड़वाया, लेकिन वे भी बुरी तरह हार गए।