न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
बिहार की सियासत में एक और बड़ा परिवर्तन जल्द ही देखने को मिल सकता है। यह परिवर्तन सत्ताधारी दल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में होने के आसार दिख रहे हैं। ऐसी चर्चाएं हैं कि पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा बदल सकता है। लंबे समय से नीतीश कुमार खुद ही जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपने करीबी आरसीपी सिंह के हाथ में पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की बागडोर सौंपी थी। लेकिन अब आरसीपी की भूमिका बदल सकती है। चर्चाएं हैं कि रालोसपा का विलय कराने के बाद जदयू में वापस लौटे उपेंद्र कुशवाहा को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। यह सब कब, क्यों और कैसे होगा, ये भी समझ लीजिए…
उपेंद्र कुशवाहा के सहारे लव-कुश समीकरण को साधने की कोशिश
उपेंद्र कुशवाहा की वापसी होते ही उन्हें जदयू में अहम पद दिया गया है। उन्हें संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष चुनाव गया था। अब उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद देकर पार्टी अपने लव-कुश समीकरण को मजबूत करना चाहेगी। बिहार में कुर्मी और कुशवाहा वोटर पर जदयू की पहले भी अच्छी पकड़ मानी जाती रही है। कुशवाहा के लौटने और उनको आगे बढ़ाने से यह कड़ी और मजबूत होगी।
आरसीपी को नई जगह खपाने की चल रही तैयारी
अंदरखाने की चर्चा यह है कि जदयू के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वे 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के वक्त शपथ लेते-लेते रह गए थे। तब एक सहयोगी दल से एक मंत्री की शर्त के अनुसार मंत्रियों की संख्या के मुद्दें पर जदयू और भाजपा में सहमति नहीं बन सकी थी और जदयू ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से इंकार कर दिया था। इस बार खुद आरसीपी कह चुके हैं कि उनका दल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए तैयार है। एनडीए का बड़ा सहयोगी होने के बावजूद जदयू का कोई नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में अब तक नहीं है। पिछली बार आरसीपी के साथ ही ललन सिंह को भी मंत्रिमंडल में भेजने की तैयारी जदयू ने की थी, लेकिन बात नहीं बन सकी।