
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : लखनऊ/ उत्तरप्रदेश :
राष्ट्रीय लोक कलाकार मंच के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष संदीप मिश्रा नेता जी, राष्ट्रीय महासचिव नौशाद खान, बिहार प्रदेश अध्यक्ष अमित सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री अखिलेश राय ने अश्लीलता के खिलाफ मुहिम छेड़ने की ठान ली हैं। उन्होंने तय कर लिया हैं कि संगठन अश्लीलता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी। आये दिन देखा जाता रहा हैं कि भोजपुरी फ़िल्मों व सोशल मीडिया यूट्यूब आदि पर अश्लीलता अपने चरम पर हैं। खास कर भोजपुरी गायक अश्लील गीत संगीत परोस कर एक प्रकार से भोजपुरी समाज को बदनाम करने में लगें।
हाल ही में नीलकमल सिंह द्वारा भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह से संबंधित अश्लील व शर्मनाक गीत गाया गया।जो सोशल मीडिया में वायरल हैं। इस प्रकार के कई मामलें आयें दिन देखने को मिलतें हैं।लेकिन, यह मामला जब गरमाया और भोजपुरी फिल्म के गायक नीलकमल सिंह ने अशोभनीय कुकृत्य करते हुए भोजपुरी की मशहूर अदाकारा को लेकर इतने गंदे व अभद्र शब्दो का प्रयोग किया। जिसे कोई भी अपनी पत्नी के सामने भी नहीं बोल सकता हैं। इस वायरल गाने में फ़िल्म अभिनेत्री अक्षरा सिंह, खेसारी लाल यादव और पवन सिंह के नाम के साथ गाना गाया हैं। जो आज के समय में सोशल मीडिया पर हड़कंप मचाया हुआ है। इसके विरोध में राष्ट्रीय लोक कलाकार मंच ऐसे गायको के खिलाफ कानूनी करवाई करने को लेकर तैयार हैं।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अच्छेलाल सोनी ने अश्लीलता भगाओ भोजपुरी बचाओ अभियान की शुरुआत की हैं। राष्ट्रीय सचिव नौशाद खान का कहना हैं कि भोजपुरी समाज में महिला को सम्मान दिया जाता हैं। ऐसे में अश्लील गीत संगीत व द्विअर्थी संवाद की फ़िल्मों का विरोध होना चाहिये। इस तरह के असामाजिक गीत संगीत और फ़िल्मो पर रोक लगानी चाहिए। जिससे भोजपुरी समाज सुरक्षित रहें। वर्तमान समय में भोजपुरी समाज इतना अच्छा समाज हैं और भोजपुरी समाज की महिलायें संस्कारी हैं। ऐसे में अश्लीलता अनुचित व असभ्य हैं। इसके खिलाफ राष्ट्रीय लोक कलाकार मंच मुकदमा दर्ज करायेगा।
अखिलेश राय ने कहा कि वे अक्षरा सिंह के साथ हैं। सभी के घर परिवार में बहन माँ बेटी बहु है। नीलकमल सिंह के घर में शायद नहीं हैं। जिसके कारण वह असभ्य गीत संगीत से सुसज्जित गाने गाकर स्टार बनना चाहते हैं। जनता से अपील भी करते हुए अमित सिंह ने कहा दर्शक वर्ग भी आवाज उठाये कि भोजपुरी समाज में अश्लीलता गलत है।
अंत में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ सुबोध कांत तिवारी ने ऐसे गायक और गीतकार को समाज से बहिष्कार करने की तथा म्युजिक कम्पनी के द्वारा हमेशा के लिए बैन करने की मांग की तथा सरकार से भी यह अपील की की वो एक पैनल बनाए जो गीत संगीत व लघु फिल्म वेव सिरीज़ के माध्यम से अश्लीलता परोसते हैं उन पर कठोर कार्रवाई हो सके।