न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बीच बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। अभी भी देश में हर दिन 3-4 हजार लोगों की जान जा रही है। इन बढ़ती मौतों के बीच कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे मौजूद कई जिलों में शव नदी में बहते नजर आए थे। इतना ही नहीं कई शहरों में तो लाशें नदी के किनारों पर भी गड़ी मिली थीं। आरोप था कि ग्रामीण अंतिम संस्कार का पैसा न होने की वजह से परिजनों को इस तरह छोड़ रहे थे। हालांकि, अब यूपी के बलरामपुर से एक लाश को नदी में फेंके जाने का वीडियो वायरल हो रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि शवों के प्रवाह को रोकने के लिए यूपी सरकार ने गंगा के किनारों पर तो पुलिस लगा दी है, पर राज्य के दूसरे हिस्सों में भी लाश नदी में फेंके जाने का एक मामला सामने आया है। यह घटना बलरामपुर की है। वायरल वीडियो में दो लोग एक लाश को राप्ती नदी में फेंकते नजर आ रहे हैं। इनमें से एक युवक तो बकायदा पीपीई किट पहने दिख रहा है। सीएमओ के मुताबिक, शुरुआती जांच में सामने आया है कि शव फेंकने वाला मृतक का परिजन ही है।
बताया गया है कि यह घटना कोतवाली नगर क्षेत्र के राप्ती नदी पर बने सिसई घाट पुल की है। इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन ने हरकत में आते हुए जांच शुरू कर दी। अब तक जो जांच हुई है, उसके मुताबिक, यह शव सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ इलाके में रहने वाले प्रेम नाथ मिश्र का है। बलरामपुर के सीएमओ डॉक्टर विजय बहादुर के मुताबिक, 25 मई को कोरोना संक्रमित होने के बाद प्रेमनाथ को सरकारी अस्पताल के कोविड वॉर्ड में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान ही 28 मई को उनकी जान चली गई थी।
सीएमओ के मुताबिक, इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने प्रेमनाथ का शव कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उनके परिजनों को सौंप दिया था। हालांकि, परिजनों ने इसके बाद क्या किया, यह बात तो वायरल वीडियो में काफी हद तक साफ हो रही है। फिलहाल इस घटना को लेकर कोतवाली नगर में केस दर्ज हुआ और पुलिस मामले की जांच कर रही है।