न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
कोरोना संक्रमण से रिकवर कर रहे एक बैंककर्मी की छुट्टी कथित तौर पर मंजूर नहीं हुई तो वह ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए ही ब्रांच पहुंच गया। मामला बोकारो के सेक्टर 4 स्थित पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच का है। हालांकि, बैंक का कहना है कि अरविंद कुमार के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है और लोन एकाउंट एनपीए होने के मामले में रिकवरी की कार्यवाही बंद करवाने के लिए उन्होंने यह ड्रामा किया है। बैंक ने अपने बयान में कहा है कि यह कहना गलत है कि कोविड से रिकवर होने के दौरान उन्हें ऑफिस आने के लिए बाध्य किया गया।
अरविंद ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए अपनी पत्नी और बेटे के साथ मंगलवार को ब्रांच पहुंचे थे। उनके परिवार ने इसका वीडियो बनाया और ऑनलाइन पोस्ट कर दिया। इसके बाद यह वीडियो वायरल होने लगा।
अरविंद वीडियो में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए हुए बैंक की शाखा में जाते दिखाई दे रहे हैं। सीढ़ियों से होते हुए वह एक अधिकारी के केबिन तक पहुंचते हैं, जहां उनके परिवार और बैंक अधिकारी के बीच तीखी बहस होती है। वीडियो के अंत में वह मैनेजर से पूछते हैं कि उन्हें प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है। वह कहते हैं कि मैं बीमार हूं और मेरी हालत गंभीर है। अरविंद कहते हैं, ‘डॉक्टरों ने कहा है कि मुझे रिकवर होने में कम-से-कम तीन महीने लगेगा क्योंकि संक्रमण फेफड़ों में फैल चुका है।’ उन्होंने बैंक से वेतन भुगतान करने की भी मांग की। आरोप है कि उनका भुगतान रोक लिया गया है।
परिवार के एक सदस्य ने कहा कि बैंक अधिकारियों ने उनकी छुट्टी मंजूर नहीं की तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया लेकिन इसे भी स्वीकार नहीं किया गया। अब वे वेतन काटने की धमकी दे रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर काम पर आने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद अरविंद से घर वापस जाने के लिए कहा गया।
पीएनबी ने अपने बयान में कहा है, “अरविंद ने यह ड्रामा अपने खिलाफ जांच रुकवाने और एनपीए लोन एकाउंट्स की रिकवरी की कार्यवाही रुकवाने के लिए किया। इसमें यह भी दावा किया गया है कि अरविंद मैनेजर के पद पर हैं और उन्होंने इस्तीफा दिया था, लेकिन विभागीय जांच जारी होने की वजह से उसे स्वीकार नहीं किया गया। इसके अलावा अरविंद बिना पूर्व अनुमति के दो साल से अधिक समय तक बैंक से अनुपस्थित रहे हैं।”