
न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
कोरोना ने तो रिश्तों के मायने ही बदल दिए हैं, जहाँ मानवता बार बार शर्मसार हो रही है. पहली घटना कोरोना से पिता की हुई मौत पर जज बेटे ने शव लेने से इन्कार करते हुए कहा कि अंतिम सांस्कार हम नहीं करेंगे, आप ही कर दीजिए. तो दूसरी घटना पिता की मौत के बाद श्मशान घाट पर ही प्रॉपर्टी के लिए आपस में भिड़ गए बेटे और जमकर लात-घूंसे चले. फिर श्मशान घाट वाले किसी तरह झगड़ा छुड़ाया.
सीवान शहर के डायट परिसर में चल रहे डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में शुक्रवार की रात एडीजे-छह जीवन लाल के 70 वर्षीय पिता ब्रह्मदेव की मौत हो गयी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने रात में ही इसकी सूचना जज साहब को दी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जज साहब ने कहा कि डेड बॉडी हम अपने यहां नहीं लायेंगे. पूरा परिवार संक्रमित हो जायेगा. आप अपने स्तर से दाह-संस्कार करा दीजिए.
करीब 20 घंटे से अधिक समय तक डेड बॉडी अस्पताल में ही पड़ी रही. बाद में जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद जज साहब ने अधिवक्ता गणेश राम को पत्र देकर दाह-संस्कार के लिए अधिकृत किया. एसडीओ रामबाबू प्रसाद, नोडल पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह व प्रभारी सीएस डॉ एमआर रंजन की उपस्थिति में शव को दिया गया.
डॉ एमआर रंजन ने बताया कि जज साहब ने मुझे प्रेषित पत्र में अधिवक्ता गणेश राम को डेड बॉडी देने की बात लिखी थी. जिला प्रशासन ने समाजसेवी श्रीनिवास यादव के सहयोग से कंधवारा दहा नदी के तट पर जज साहब के पिताजी का अंतिम संस्कार करवाया. गौरतलब है कि तीन दिन पहले जज साहब के पिताजी का ऑक्सीजन लेबल कम होने पर डीसीएचसी में भर्ती किया गया था.
पिता की मौत के बाद श्मशान घाट पर ही प्रॉपर्टी के लिए आपस में भिड़ गए बेटे, जमकर चले लात-घूंसे
कोरोना काल में रिश्तों को तार-तार और शर्मसार करने वाले कई मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के इस मुश्किल दौर में जहां अपनों की जान बचा पाना ही मुश्किल हो रहा हैं वहीं राजस्थान (Rajasthan Corona Update) के भीलवाड़ा (Bhilwara) से पिता की मौत पर तीन बेटों में प्रॉपर्टी के लिए श्मशान घाट पर ही जमकर लात-घूंसे चलने (Fight for property at cremation ground) का मामला सामने आया है. इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल (Viral Video) हो गया है.
दरअसल 1 मई को भीलवाड़ा के सांगानेर कस्बे के एक बुजुर्ग रामप्रताप राव का निधन हो गया था. मौत के तीन दिन बाद अस्थियां चुनने या उठावना की रस्म के लिए मृत रामप्रताप के तीनों बेटे धर्मपाल राव, रघुनाथ राव और पप्पू राव आए. सबसे छोटे बेटे पप्पू राव को उसकी मौसी ने कई साल पहले गोद ले लिया था वो उनके साथ ही रहता था. लेकिन अस्थियां चुनने के दौरान पप्पू राव ने पैतृक प्रॉपर्टी में हिस्सा मांगने की बात कही, जिस पर दोनों बड़े भाई धर्मपाल राव और रघुनाथ राव भड़क गए और हिस्सा देने से मना करने लगे.
जमीन को लेकर हुए इस विवाद को लेकर तीनों भाईयों में श्मशान घाट में ही जमकर लड़ाई हो गई. दोनों तरफ से खूब लात-घूंसे चले. ये पूरी घटना किसी ने कैमरे में मोबाइल फोन के जरिए रिकॉर्ड कर ली. ये वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. घटना के बाद दोनों पक्षों की रिपोर्ट सांगानेर थाने में दी गई. सांगानेर चौकी के दीवान देवी लाल ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच कॉन्स्टेबल चरण सिंह को सौंपी गई. जिसके बाद दोनों पक्षों को थाने में बुला कर समझौता कराया गया.