न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : कोलकाता/ पश्चिम बंगाल :
कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में धर्म के आधार पर वोट की अपील को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुश्किल में फंसी हुई हैं. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को 48 घंटे में जवाब देने की मोहलत दी है. इस बीच, गुस्साई ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से पूछा कि हिंदू-मुसलमान करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शिकायत क्यों नहीं दर्ज की गई?
ममता बनर्जी ने कहा, ‘भले ही मेरे खिलाफ 10 कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएं, मुझे फर्क नहीं पड़ता. मैं एकजुट होकर सभी को मतदान करने की बात कह रही हूं. जिससे वोट न बंटने पाए. प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज हुईं? वह हर दिन हिंदू-मुस्लिम करते हैं.’
डोमजुर की रैली के दौरान ममता बनर्जी ने राजीब बनर्जी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे माफी चाहती हूं कि मैंने गद्दार मीर जाफर (राजीब बनर्जी) को पिछले चुनाव में यहां से उतारा था. जब वह सिंचाई मंत्री थे तब मुझे उनके खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसके बाद मैंने उन्हें पद से हटा दिया और वन मंत्री नियुक्त किया.’
तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नोटिस जारी करने को लेकर चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए सवाल किया कि भाजपा के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर अब तक क्या कदम उठाए गए हैं. तृणमूल कांग्रेस की प्रवक्ता महुआ मोइत्रा ने कहा कि चुनाव आयोग भेदभाव करना बंद करे.
मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने ममता दीदी को नोटिस जारी किया. तृणमूल कांग्रेस की शिकायतों पर क्या हुआ. भाजपा उम्मीदवार द्वारा नकदी बांटने के वीडियो सबूत भी हैं. भाजपा की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए कैश कूपन भी बांटे गए.’ चुनाव आयोग ने हुगली में प्रचार के दौरान सांप्रदायिक आधार पर वोटरों से कथित तौर पर अपील करने को लेकर बनर्जी को नोटिस जारी किया है.