
न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पहाड़पुर- मोतिहारी/ बिहार :
★झाखरा गांव निवासी वीरेन्द्र सहनी की शारिरिक रूप से अक्षम दो बेटियों को अगले 16 साल तक हर महीने 1500 रुपए का आर्थिक सहयोग देंगे। नेत्र दिव्यांगता के साथ लाइलाज हड्डी रोग से भी पीड़ित हैं 9 वर्षीय सुर कुमारी, जन्मजात नेत्र दिव्यांग है 7 वर्षीय रंजू कुमारी★
साल 2020 में कोरोना महामारी के साथ साथ बाढ़ की विभीषिका ने भी पूर्वी चम्पारण वासियों को खासा प्रभावित किया। ऐसे समय में जब आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए दो वक्त का चूल्हा जलाना भी चुनौतीपूर्ण हो गया तब समाजसेवी सर्वेश तिवारी ऐसे जरूरतमंदों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे।
समाजसेवा के इसी भाव को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर दो जन्मजात दिव्यांग बच्चियों को गोद लेकर सर्वेश तिवारी ने उन्हें नए साल का सौगात दिया है। समाजसेवी सर्वेश तिवारी ने गोविंदगंज क्षेत्र के झाखरा गांव निवासी वीरेन्द्र सहनी की जन्मजात शारिरिक रूप से अक्षम दो बेटियों, 9 वर्षीय सुर कुमारी और 7 वर्षीय रंजू कुमारी को 16 वर्षों के लिए गोद लिया है और प्रत्येक महीने 1500 रुपए का आर्थिक सहयोग देंगे।
मालूम हो कि, सुर कुमारी एक ऐसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित है जिसमें हड्डियां इतनी नाज़ुक हो जाती है कि थोड़ी सी भी मुड़ जाए तो टूट जाती है। बाएं हाथ को छोड़कर सुर के दोनों पैर और दाहिने हाथ की दर्जनों हड्डियां टूटी हुई है। इस सबके बावजूद वह अभी भी हिम्मत की बात करते हुए कहती है कि वो भी और बच्चों की तरह जल्दी ही खेलना चाहती हैं। वहीं, 7 वर्षीय रंजू कुमारी जन्मजात नेत्र दिव्यांग है।
देश भर में 125 से अधिक बेसहारा और दिव्यांग बच्चों को गोद लेकर उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी उठा रहे *समाजसेवी सर्वेश तिवारी ने कहा*, ‘जब हम दूसरों के दुख को अपना दुख समझ कर उसे दूर करने का प्रयास करते हैं तभी स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण शुरू होता है। समाज के समृद्ध लोगों से मेरा निवेदन है कि सुर और रंजू जैसे जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए आगे आएं और सक्षम समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।’
उन्होंने परिजनों से यह भी कहा कि, इन वर्षों में अगर इलाज हेतु तय मासिक सहायता राशि से ज्यादा की जरूरत होगी तो वह इलाज में भी आर्थिक सहयोग देंगे।
सहायता मिलने के बाद दिव्यांग बच्चियों के पिता बीरेंद्र सहनी ने कहा कि ‘दोनों बच्चियों के इलाज में काफी पैसा खर्च हो रहा था जिससे घर की माली हालत दिनों दिनों खराब ही होती जा रही थी। हमारे लिए तो सर्वेश भैया भगवान का रूप हैं कि इस मुसीबत की घड़ी में मदद के लिए आगे आए हैं।’
कोरोना महामारी के समय में मुसीबत में फंसे परिवारों के लिए समाजसेवी सर्वेश तिवारी लगातार मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। इस से पूर्व भी वह गोविंदगंज क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक परिवारों के मुखिया के असमय निधन के बाद 51 बच्चों सहित पूरे परिवारों को गोद ले चुके हैं और हर परिवार की कम से कम पांच से सात साल तक पढ़ाई और मासिक खर्चे की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने साल 2016 में उरी अटैक में शहीद हुए जवानों के परिवार को भी गोद लिया है और बच्चों की शिक्षा और परिवार चलाने के लिए 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद कर चुके हैं। यही नहीं, कोरोना महामारी के दौरान देश भर में फंसे चंपारण के हजारों मजदूरों को राशन और आर्थिक मदद मुहैया करवाया था।