न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : मोतिहारी/ बिहार :
पूर्वी चम्पारण जिला परिवहन विभाग के दो कर्मियों को निगरानी विभाग की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। दोनों कर्मी उतराखंड से खरीदकर लाये गये सफारी कार के मोतिहारी में रजिस्ट्रेशन करने के लिए घुस की मांग किया जा रहा था। 2017 में खरीदकर लाये गये कार की कागजी खानापूरी करने में तीन साल लगाये गये और फिर कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अरेराज के सलहां गांव निवासी कार मालिक से एक लाख रुपये की मांग शुरु किया और अनन्तः बात 39 हजार रुपये पर बात बन गयी।
आज आवेदक ध्रुवनारायण तिवारी ने परिवहन विभाग के डाटा ऑपरेटर खुर्शीद आलम ने तीस हजार रुपये जबकि संविदा पर कार्यरत प्रधान सहायक राजेन्द्र प्रसाद ने नौ हजार रुपये की मांग किया। आज दोनों कर्मियों को आवेदक ने घुस के रुपये का भुगतान किया। भुगतान लेने के बाद दोनों कर्मियों के पॉकेट से निगरानी विभाग की टीम ने रुपयों को बरामद किया है। आवेदक ध्रुवनारायण मिश्र ने बताया कि डीटीओं ऑफिस भ्रष्टाचार का केन्द्र है,जहां आवेदकों से जबरन रुपये वसूले जाते है।
वहीं छापामारी और कार्रवाई को पूरा करने के बाद पटना से आये निगरानी विभाग के डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि आवेदक के आरोप को निगरानी ने जांच में सही पाया और घुस की राशि के भुगतान के निर्धारित समय पर भुगतान लेते दोनों कर्मियों को रंगेहाथ पकडा गया है। 14 सदस्यीय टीम ने एक साथ परिवहन विभाग के दो काउन्टरों पर एक साथ छापामारी किया है। जिसके बाद कार्यालय सहित पूरे समाहरणालय परिसर में हडकम्प मचा रहा। उधर छापामारी के बाद परिवहन विभाग के सभी कर्मी और अधिकारी कार्यालय को छोड नदारद हो गये। मालूम हो कि पूर्वी चम्पारण परिवहन विभाग कार्यालय रिश्वतखोरी के मामले में काफी चर्चित रहा है। आवेदक ने निगरानी विभाग में 2 दिसम्बर को शिकायत दर्ज कराया था। निगरानी टीम ने 4 दिसम्बर को सत्यापित कर आज रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि गत 06 अक्तूबर को कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीए कार्यालय के धुरी तिवारी पच्चीस हजार रुपये घूस लेते निगरानी के हत्थे चढ़ा था। वह 31 अक्टूबर को सेवानिवृत हो चुका था, लेकिन कार्यालय के कार्य को देखता था।