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आशीष राज, स्थानीय संपादक, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
★विकास वैभव ने लिखा है- राज्य सरकार को मुझे यह अवगत कराना है कि 20 अक्टूबर 2022 को गृह विभाग आईजी होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के पद पर जॉइन किया है। मुलाकातों और विभागीय अफसरों की हर बैठक में अनावश्यक, असंसदीय और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए डीजी मैडम मुझे अत्यंत अपमानित करती रही हैं। यह मेरे जैसे कर्तव्यनिष्ठ एवं उत्तरदायी लोकसेवक के लिए बहुत ही बड़ी मानसिक प्रताड़ना रही है।★
बिहार के सीनियर आईपीएस विकास वैभव ने DG मैडम पर गंभीर आरोप लगाए थे। विभाग ने उनसे इसे लेकर सफाई मांगी थी। होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के आईजी विकास वैभव ने कारण बताओ नोटिस का जवाब तो नहीं दिया, लेकिन 4 पन्ने की एक चिट्ठी गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को जरूर लिखी है।
इसमें उन्होंने वर्तमान पद से मुक्त करने का आग्रह कहा है। इस पद को मानसिक प्रताड़ना युक्त बताया है। इस चिट्ठी में उन्होंने यह भी लिखा है कि इस संबंध में मैं आश्वस्त कराना चाहता हूं कि निर्धारित अवधि में मैं अपना स्पष्टीकरण महोदय के समक्ष आवश्यक विवरण के साथ उपलब्ध करा दूंगा।
मेरी पत्नी के बारे में गलत कहा
आईजी वैभव ने लिखा- आपके कार्यालय कक्ष में निजी रूप से मिलकर पहली बार दिसंबर महीने के प्रथम सप्ताह में ही बताया गया था कि डीजी महोदय अत्यंत अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं। निरंतर गाली दी जा रही। मेरी पत्नी के संबंध में अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं।
इस अमानवीय दुर्व्यवहार के कारण ही दूसरे ऑफिसर विनोद कुमार उनके कार्यालय कक्ष में बेहोश भी हो गए थे। लगभग 45 मिनट के बाद ही होश में आ सके थे। तब से उनकी तबीयत लगातार खराब ही चल रही है। यहां तक कि कई अफसरों को उनके द्वारा ‘बिहारी’ बोल कर अपमानित करने का प्रयास किया गया और बताया गया कि बिहारी कामचोर होते है।
मुझे तीन बार ब्लडी आईजी कहा
IG वैभव ने पत्र में लिखा- डीजी मैडम ने मुझे तीन बार ब्लडी IG सभी के सामने कहा। डीआईजी विनोद कुमार को अपमानित करके गेट आउट कहकर सभा कक्ष से बाहर निकाल दिया गया। इन कारणों से मैं अत्यंत विचलित और मानसिक रूप से द्रवित हो उठा। बैठक के बाद हुए अपमान के कारण मुझे पूरी रात नींद नहीं आई।
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। उसी मनोदशा में देर रात 1:45 एक ट्वीट करने की इच्छा हुई और मैंने ट्वीट कर दिया। परंतु कुछ देर बाद मुझे लगा कि ट्वीट नहीं करते हुए मुझे सरकार को अवकाश के लिए आवेदन देना चाहिए। मैंने ट्वीट को डिलीट कर दिया। ट्वीट डिलीट करने के पश्चात ट्वीट के प्रसारण में मेरी कोई भूमिका नहीं रही है।
अफसरों की बैठक में DG मैडम अपमानित करतीं
विकास वैभव ने लिखा है- राज्य सरकार को मुझे यह अवगत कराना है कि 20 अक्टूबर 2022 को गृह विभाग आईजी होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के पद पर जॉइन किया है। मुलाकातों और विभागीय अफसरों की हर बैठक में अनावश्यक, असंसदीय और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए डीजी मैडम मुझे अत्यंत अपमानित करती रही हैं। यह मेरे जैसे कर्तव्यनिष्ठ एवं उत्तरदायी लोकसेवक के लिए बहुत ही बड़ी मानसिक प्रताड़ना रही है।
मैं बिहार से बाहर था
विकास वैभव ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है कि अगले दिन मैं छुट्टी पर निकल गया। मैं बिहार से बाहर था। इससे पहले कि लौट कर आने के बाद मैं अपना स्पष्टीकरण महोदय को समर्पित करता, उनके द्वारा 10 फरवरी को मेरे विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के संबंध में गृह विभाग को पत्र लिखा गया। इसका जवाब मैं शीघ्र समर्पित करूंगा। उनके द्वारा मुझसे स्पष्टीकरण की मांग की गई, लेकिन इसके लिए कोई रीजनेबल ऑपर्चुनिटी नहीं प्रदान करते हुए मात्र 24 घंटों में अनुपालन की अपेक्षा की गई। इससे प्रथमदृष्टया प्रतीत होता है कि वह यथाशीघ्र मुझे और भी मानसिक रूप से प्रताड़ित करने तथा युद्ध स्तर पर अन्य प्रकार से दंडित करने की मंशा रखती हैं।
उनके साथ काम करना खतरे से कम नहीं
आईजी ने कहा- मैंने दो महीने की छुट्टी राज्य सरकार से मांगी थी। इस पर सीनियर अफसर ने आपत्ति लगा दी। मैं अब एक दिन भी उनके अधीन काम नहीं कर सकता। उनके साथ काम करना मेरे लिए गंभीर खतरे की घंटी से कम नहीं है। मुझे डर है कि दफ्तर में मेरे साथ कुछ गंभीर अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं। मुझे अपूरणीय क्षति पहुंचाई जा सकती है।
मुझे यहां से स्थायी रूप से कार्यमुक्त करके कोई अन्य पद दिया जाए। वैकल्पिक व्यवस्था संभव नहीं हो तो 13 फरवरी 2023 के बाद से मेरे दिए गए छुट्टी के आवेदन पर विचार किया जाए। यदि संभव हो तो स्पष्टीकरण समर्पित करने की अवधि को 7 दिन से बढ़ाकर 14 दिन करने की कृपा की जाए।
ट्वीट के बाद शुरू हुआ था विवाद
होमगार्ड और फायर सर्विसेज के आईजी विकास वैभव ने ट्वीट और फेसबुक पर पोस्ट कर DG मैडम पर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था- DG मैडम के मुख से गालियां ही सुन रहा हूं, परंतु यात्री मन आज वास्तव में द्रवित है।’ ट्वीट के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक महकमे में खलबली मच गई। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया।
डीजी मैडम की गाली की शिकायत करने पर सीनियर IPS अधिकारी विकास वैभव को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में उनसे पूछा गया है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया क्या वो IPS सर्विस का उल्लंघन नहीं है? विकास वैभव ने मौखिक रूप से बताया है कि मैंने डिपार्टमेंट से 60 दिन की छुट्टी की मांग की है, लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया।