न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
पैसा कमाने का धंधा बना प्राइवेट हास्पिटल, सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा— क्यों न इन्हें बंद कर दिया जाए। देर से ही सही लेकिन प्राइवेट हास्पिटलों की मनमानी पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ तो बोला। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि इन दिनों प्राइवेट हास्पिटल पैसा उगाही का धंधा मात्र बनकर रह गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि निजी अस्पतालों को छोटे आवासीय भवनों से संचालित करने की अनुमति देने के बजाय राज्य सरकारें बेहतर अस्पताल प्रदान कर सकती हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि अस्पताल बड़े उद्योग बन गए हैं और यह सब मानव जीवन को संकट में डालकर हो रहा है। हम उन्हें जीवन की कीमत पर समृद्ध नहीं होने दे सकते। बेहतर होगा ऐसे अस्पतालों को बंद कर दिया जाए।
हॉस्पिटलों को जीवन की कीमत पर समृद्ध नहीं होने देंगे, अस्पताल पैसे की मशीन
पीठ ने कहा कि जब परमादेश जारी कर दिया गया तो उसे एक अधिसूचना द्वारा ओवरराइड नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि अस्पताल एक रियल एस्टेट उद्योग बन गए हैं और संकट में सहायता प्रदान करने के बजाय वे पैसे कमाने की मशीन बन गए हैं।
यह परमाणु रहस्य नहीं
शीर्ष अदालत ने अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के मुद्दे पर एक आयोग की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में देने पर भी नाराजगी जताई। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सीलबंद लिफाफे में आयोग की रिपोर्ट पर पूछा कि “रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में क्यों है? क्या न्यूक्लियर सीक्रेट है?’