न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : नई दिल्ली :
बहुत संभव है कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान लुटियन जोन के 12 जनपथ वाले बंगले से बेदखल हो जाएं। यह हुआ तो करीब 30 साल बाद वह दिल्ली के किसी दूसरे मकान में रहेंगे। उनके लिए बुरी खबर यह भी है कि केंद्र में मंत्री बने पशुपति कुमार पारस ने इस बंगले में रहने के प्रति अनिच्छा जाहिर की है। वजहः वह अपने बड़े भाई राम विलास पासवान के पर्याय की तरह रहे इस आवास में नहीं रहना चाहते। यहां रहने पर उन्हें हर वक्त भाई की कमी महसूस होगी। यह स्थिति उन्हें असहज कर सकती है।
चिराग के लिए बुरी खबर इसलिए कि पारस अगर इस मकान में रहने जाते तो उन्हें राजनीतिक लाभ मिलता। लोगों से कहते कि चाचा मुझे पार्टी से बेदखल करने की कोशिश तो कर ही रहे हैं, बेघर भी कर दिया। इससे उन्हें बिहार के लोगों से सहानुभूति मिलने की उम्मीद थी। हालांकि, जिस दिन उन्हें बंगला खाली करने के लिए कहा जाएगा, सहानुभूति हासिल करने के लिए कुछ न कुछ जरूर करेंगे।
जनपथ स्थित 12 नम्बर का यह मकान केंद्र सरकार के शहरी मंत्रालय का है। यह केंद्रीय मंत्री या उस स्तर के लोगों के लिए निर्धारित है। चिराग महज सांसद हैं। लिहाजा वह इसमें नहीं रह सकते। वीपी सिंह के कैबिनेट में मंत्री रहने के दौरान यह रामविलास पासवान के नाम से आवंटित हुआ था। 31 अक्टूबर 1982 को जन्में चिराग की उम्र बमुश्किल आठ साल थी। वे उसी उम्र में माता-पिता के साथ इस बंगले में आए। बचपन और जवानी के खूबसूरत पल उनके यहीं बीते। इसी आवास में रहते हुए वह दो बार सांसद बने।
