न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
राजद के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर वीरचंद पटेल स्थित पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेता एकत्रित हुए। यहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पहुंचे। दिलचस्प यह कि तेजस्वी यादव जब मंच पर पहुंचे तो नारा गूंजा ‘तेजस्वी यादव जिंदाबाद…’ और मंच पर बैठे सभी नेता उनके स्वागत में हाथ जोड़कर खड़े हो गए, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह बैठे रहे।
तेजस्वी यादव की सीट जगदानंद सिंह के बगल वाले सोफे पर थी। जगदानंद सिंह ने बैठे-बैठे तेजस्वी यादव की तरफ इशारा करते हुए बैठने को कहा। यह अनुशासन बहुत दिनों बाद उस RJD में दिखा, जिसमें लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हटाने की मांग कर दी थी। तेज प्रताप यादव ने यह भी आरोप लगाया था कि जब वे पार्टी ऑफिस आते हैं तो प्रदेश अध्यक्ष उन्हें रिसीव करने नहीं आते। इस पर जगदानंद सिंह ने कोई रिएक्शन नहीं दिया था।
जगदानंद सिंह ने रविवार को एक बार फिर दिखाया कि वे धैर्य वाले नेता हैं। तेज प्रताप यादव जैसे नेताओं की बातों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्होंने मंच पर ऐसा व्यवहार करके बताया कि पार्टी के आयोजन में वे अध्यक्ष हैं और अध्यक्ष किसी के स्वागत में कुर्सी नहीं छोड़ता। चाहे वह नेता प्रतिपक्ष ही क्यों न हों।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी लाइन लगती है
सच यह है कि जगदानंद सिंह ने पार्टी के अंदर इसी अनुशासन को मजबूत किया है। पार्टी में किसी महापुरुष की जयंती या पुण्य तिथि का अवसर होता है तो सभी नेता लाइन में लगते हैं। कोई लाइन तोड़कर पुष्पांजलि अर्पित नहीं करता। खुद जगदानंद सिंह सबसे पीछे खड़े होते हैं।
बेटे का विरोध कर लालू प्रसाद को मैसेज देने की कोशिश की थी
जगदानंद सिंह के अनुशासन का यह रूप रविवार को ही पहली बार नहीं दिखा है। उन्होंने 2009-10 में अपने बेटे सुधाकर सिंह को विधानसभा का टिकट देने का विरोध कर दिया था। यह करके उन्होंने लालू प्रसाद को भी समझाने की कोशिश की थी कि राजनीति में वंशवाद ठीक नहीं है। जगदानंद सिंह जब बक्सर लोकसभा चुनाव जीते तो उनकी रामगढ़ की सीट खाली हुई थी। RJD इस सीट पर सुधाकर सिंह को लड़ाना चाहती थी, लेकिन जगदानंद सिंह ने टिकट कटवा दिया।
बेटे ने BJP से रामगढ़ में टिकट लेकर चुनाव लड़ा तो जगदानंद सिंह ने RJD के उम्मीदवार अंबिका यादव के पक्ष में चुनाव प्रचार करके बेटे सुधाकर को चुनाव हरवा दिया था। बाद में सुधाकर सिंह ने फिर से RJD जॉइन की और काम के बल पर पहचान बनाई, तब जगदानंद सिंह, सुधाकर सिंह को RJD का टिकट देने को तैयार हुए।
चुनाव के बाद अध्यक्ष पद छोड़ना चाहते थे, पर लालू प्रसाद ने रोक लिया
राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच इसकी चर्चा खूब रही कि इस बार के विधानसभा चुनाव के बाद जगदानंद सिंह अध्यक्ष पद छोड़ना चाहते थे, लेकिन लालू प्रसाद ने उन्हें बतौर अभिभावक पार्टी को लगातार देखने का आग्रह किया था।