न्यूज़ टुडे टीम अपडेट: पटना/ बिहार :
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी के लगातार दिए जा रहे अल्टीमेटम के बाद भी राष्ट्रीय जनता दल के रुख में कोई परिवर्तन नहीं होता दिख रहा है। जिसके बाद अब जीतनराम मांझी का गठबंधन से अलग होना लगभग तय हो चुका है। वहीं, सूत्रों मिली जानकारी के मुताबिक जीतनराम मांझी की जनता दल युनाइटेड और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ डील लगभग पक्की हो गई है और जल्द ही मांझी एक बड़ा ऐलान करने वाले हैं। मांझी के एनडीए में शामिल होने के चर्चे तेज हैं और कहा जा रहा है कि सिर्फ नीतीश कुमार के साथ उनकी एक मीटिंग होनी बाकी है, जिसके बाद वो इसका औपचारिक रूप से ऐलान कर सकते हैं।
बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद से ही मांझी राजद पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ही जीतनराम मांझी ने कोर्डिनेशन कमेटी की मांग की थी ताकि सभी फैसले साथ में लिए जा सकें और एक मंच पर महागठबंधन के सभी घटक दल हों, पर इस कमेटी का अबतक कुछ नहीं हुआ।
इसके बाद भी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मांझी चाहते थे कि कोऑर्डिनेशन कमेटी बने ताकि सीटों का बंटवारा और महागठबंधन में नेतृत्व कौन करेगा, इसका फैसला हो, पर राजद ने मांझी की इस मांग को तवज्जो नहीं दिया है और मांझी के खिलाफत के बावजूद राजद ने चुप्पी साध रखी है। इतना ही नहीं, महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बताकर राजद ने खुलकर यह घोषणा कर दी कि चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव होंगे और साथ ही सीटों का बंटवारा हो या कोई भी फैसला, वो राजद के अनुसार ही लिया जाएगा।
जीतनराम मांझी के लगातार उठाए जा रहे मांगों के बावजूद तेजस्वी यादव ने एक बार भी जीतनराम मांझी से मिलने का बात नहीं कही है, जो मांझी की नाराजगी की बड़ी वजह मानी जा रही है। राजद ने साफ कहा है कि मांझी से बात राजद केे वरिष्ठ नेता करेंगे, ये मांझी के मोह भंग होने का दूसरा बड़ा कारण है। मांझी ने इसे अपनी तौहीन मान लिया है।
कोऑर्डिनेशन कमिटी पर राजद के रवैये से नाराज जीतनराम मांझी ने 10 जुलाई को पार्टी कोर कमिटी की बैठक बुलाई थी। कहा जा रहा है कि कोऑर्डिनेशन कमिटी पर राजद के असहयोगात्मक रवैये और अपनी उपेक्षा से नाराज जीतनराम मांझी ने महागठंधन ने निकलने का अब पूरा मन बना लिया है और अब जदयू के पक्ष में कसीदे काढ़ने शुरू कर दिए हैं।