न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : गया- पटना/ बिहार :
भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद का असर अब पर्यटन सेक्टर पर भी दिखने लगा है. भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया में अब चीनी नागरिकों को ठहरने के लिए कोई भी होटल कमरे नहीं देंगे साथ ही रेस्टोरेंट में भी उनके प्रवेश को निषेध कर दिया गया है. बोधगया होटल एसोसिएशन एवं बोधगया रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया है. बोधगया होटल एसोसिएशन के महासचिव सुदामा कुमार ने बताया कि बोधगया होटल एसोसिएशन ने बोधगया आनेवाले चीनी यात्रियों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
चीन की हरकत कायराना
इंडो-चीन एलएसी बॉर्डर पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय वीर सैनिकों पर पिछले दिनों घात लगाकर हमला किया जिससे हमारे बीसों जवान शहीद हो गए. निश्चय ही उनकी ये कायराना हरकत है और विश्वासघात के तहत बातचीत के लिए गए हमारे सैनिकों पर हमला किया गया है. सुदामा ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व भी चीनियों ने इंडो चीनी भाई-भाई के मंत्र को तार-तार करते हुए भारत चीन के एक अन्य सीमाक्षेत्र डोकलाम में भी इसी तरह से हाथापाई की थी.
चीन युद्ध नीति पर चलेगा तो हम बुद्ध नीति पर नहीं चलेगा
बोधगया होटल एसोससिएशन ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन के साथ मिलकर देशहित में चीनी उत्पादों और चीनी पर्यटकों का बोधगया में बहिष्कार का निर्णय लिया है. इसके साथ ही यहां कहीं भी चीनी नागरिकों को रहने के लिये कोई भी कमरा नहीं दिया जाएगा. संगठन ने कैट के चीनी सामग्री बहिष्कार के अभियान का भी समर्थन करते हुए यह निर्णय लिया है. व्यवसायियों ने कहा कि भारत अतिथि देवो भव: के तर्ज पर चलता है लेकिन चीन युद्ध की नीति पर चलेगा तो हम बुद्ध की नीति पर नहीं चलेंगे.
हर साल आते हैं 10 हजार यात्री
बिहार के बोधगया में चीन से हर साल 10 हजार से भी ज्यादा चीनी नागरिक बोधगया घूमने के लिए आते हैं और यहां के विभिन्न होटलों में ठहरते हैं. इसके साथ ही इनसे कई तरह से आमदनी भी होती है लेकिन देशहित को ध्यान में रखते हुए व्यवसायियो ने ये फैसला लिया है.