न्यूज़ टुडे टीम ब्रेकिंग अपडेट : भागलपुर- पटना/ बिहार :
बिहार के पूर्व आइएएस अफसर व भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया की परेशानी बढ़ गई है। इस मामले में सीबीआ ने चार्जशीट दायर कर दी है। 1400 करोड़ रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाले में सीबीआइ की विशेष अदालत में जांच एजेंसी सीबीआइ ने भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी व पूर्व आइएएस अफसर केपी रमैया, भागलपुर कलेक्ट्रेट स्थित नजारत के तत्कालीन उप समाहर्ता विजय कुमार, नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव सहित 60 के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया।
तीन आरोप पत्र किये गए दायर
सीबीआइ ने इस मामले में कुल तीन आरोप पत्र दायर किए हैं। तीनों अलग-अलग प्राथमिकी से जुड़े हैं। तीनों में कुल 91.50 करोड़ रुपये का घोटाला दिखाया गया है। यह राशि फर्जी तरीके से सभी आरोपितों ने आपस में मिलकर सरकार के खाते से सृजन के खाते में भेज दी थी। बाद में सृजन के खाते से रुपये निकालकर सभी ने आपस में बांट लिए थे।
पहला आरोप पत्र
यह आरोप पत्र 3.5 करोड़ रुपये का है जो भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी केपी रमैया, नजारत के उप समाहर्ता विजय कुमार, नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक शंकर प्रसाद दास, तत्कालीन प्रबंधक वरुण कुमार और नवीन कुमार साहा, इंडियन बैंक के तत्कालीन अधिकारी अशोक कुमार अस्थाना, सृजन की तत्कालीन प्रबंधक सरिता झा, तत्कालीन चेयरमैन शुभ लक्ष्मी प्रसाद, तत्कालीन सचिव रजनी प्रिया सहित 28 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।
दूसरा आरोप पत्र
यह भागलपुर स्थित इंडियन बैंक के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक देवशंकर मिश्रा और मोहम्मद सरफराजुद्दीन, सहायक प्रबंधक हरे कृष्णा अडक, वरीय प्रबंधक सुमित कुमार, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक बबन प्रसाद सिन्हा और वरीय प्रबंधक संजय कुमार, सृजन से जुड़ी शुभलक्ष्मी प्रसाद, सरिता झा सहित 19 लोगों के खिलाफ दायर किया गया है। इसमें 50 करोड़ का घोटाला दर्शाया गया है। यह पूरक आरोप पत्र है। इसी मामले में इसके पूर्व पहला आरोप पत्र सात आरोपितों के खिलाफ दायर हुआ था।
तीसरा आरोप पत्र
यह 13 लोगों के खिलाफ दायर किया गया है। इसमें 38 करोड़ का गबन दिखाया गया है। इसमें भागलपुर स्थित इंडियन बैंक के तत्कालीन प्रबंधक सुजीत राहा, तत्कालीन अधिकारी अशोक कुमार अस्थाना, सहायक प्रबंधक रंजीत कुमार पाल, बैंक अधिकारी संजीव कुमार, सृजन की शुभ लक्ष्मी प्रसाद, सरिता झा सहित 13 के नाम शामिल हैं। सभी आरोप पत्र सृजन की संस्थापक मनोरमा देवी को मृत दिखाते हुए दायर किए गए हैं।