न्यूज़ टुडे टीम अपडेट : पटना/ बिहार :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर ब्लॉक के तेलिहर गांव से गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की. इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद थे. दरअसल, कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों से अपने घर लौट चुके मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा यह योजना शुरू की जा रही है. खास तौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में मजदूरों की सबसे अधिक घर वापसी हुई. बिहार में तो 30 लाख से भी अधिक मजदूर अपने गांवों को लौटे हैं. ऐसे में उनके लिए रोजगार की कमी का संकट खड़ा हो गया है. अब केंद्र सरकार द्वारा ऐसे ही प्रवासी मजदूरों को इस योजना के तहत रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के अनुसार छह राज्यों के 116 जिले ऐसे हैं, जिनमें से हर जिले में कोरोना काल के दौरान शहरों से वापस होने वाले मजदूरों की संख्या 25,000 से ज्यादा हैं. इनमें बिहार के 32 जिले, जबकि उत्तर प्रदेश के 31 जिले शामिल हैं. तेलिहर गांव से इस अभियान की शुरुआत होने के समय खगड़िया डीएम आलोक रंजन घोष, डीडीसी रामनिरंजन सिंह के साथ-साथ कई वरीय अधिकारी भी मौजूद थे.
डीएम के अनुसार, पीएम जीविका समूूह, प्रवासी श्रमिक और जनप्रतिनिधियों से बात भी किया. पीएम द्वारा शुरू किए जा रहे इस कार्यक्रम का मकसद कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण घर लौटे प्रवासी मजदूरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जा रही इस योजना के तहत कामगारों को 25 प्रकार के काम दिये जायेंगे. सरकार का दावा है कि मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई है और इससे 25 हजार प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंचेगा.
घर लौटे स्किल्ड मजदूरों के लिए अभियान
मिली जानकारी के अनुसार यह अभियान 125 दिनों का है, जिसमें प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए 25 अलग-अलग तरह के कार्यों किए जाएंगे. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए साझा सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिये इस कार्यक्रम में मजदूर शामिल होंगे.
तेलिहर से हीं शुरू हुआ था जल जीवन हरियाली अभियान
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 4 जनवरी 2020 को बेलदौर के तेलिहर गांव पहुंचकर जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत उन्होंने 27 एकड़ में फैले बैंसी जलकर को विकसित करने सहित कुल 2300 करोड़ की योजानाओं का शिलान्यास और उदघाटन किया था.
जीविका से आत्मनिर्भर हो रही गांव की महिलाएं
खगड़िया के तेलिहार गांव की महिला नीतू कुुमारी जीविका से 12 हजार रुपया लोन लेकर दुकान की शुरुआत की थी और आज दस हजार रुपये महीना कमाकर अपने पूरे परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. यह एक उदाहरण है, लेकिन गांव में कई ऐसी महिलाएं हैं जिनके लिए जीविका वरदान बनी और वह उससे जुड़कर आत्मनिर्भर हो सकीं.
पिछड़े जिले खगड़िया में रोजगार के लेकर जगी उम्मीदें
सात नदियों से घिरे खगड़िया जिला में बाढ़ और कटाव प्रमुख समस्या है. यहां मक्का का उत्पादन बिहार में सबसे ज्यदा होता है. किसानों के लिए मानसी में एक मेगा फूड पार्क बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि खगड़िया के लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन वह भी अधूरा पड़ा है. ऐसे में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गरीब कल्याण रोजगार मिशन के तहत रोजगार दिलाना जिला प्रशासन के लिए चुनौती वाला होगा.