न्यूज़ टुडे एक्सक्लूसिव :
डा. राजेश अस्थाना, एडिटर इन चीफ, न्यूज़ टुडे मीडिया समूह :
सचिन पायलट के लिए उपजे गद्दार विवाद से उत्पन्न भूचाल के बीच कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सियासी सुलह करवा दी है। ‘गद्दार’ विवाद के बाद मंगलवार को पहली बार एक बैठक में गहलोत-पायलट के बीच नमस्कार हुई। इसके बाद वेणुगोपाल ने पहले बंद कमरे में दोनों को मिलवाया, फिर मीडिया के सामने गहलोत-पायलट के हाथ खड़े करवाकर कहा- दिस इज राजस्थान कांग्रेस। हम पूरी तरह एक हैं।
वेणुगोपाल ने कहा कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत कह चुके हैं, हम यात्रा तक ही नहीं, चुनाव तक एकजुट होकर काम करेंगे। हमारे नेता राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि गहलोत और पायलट दोनों पार्टी के लिए एसेट हैं।
भारत-जोड़ो यात्रा की तैयारी बैठक में पहुंचने पर पायलट-गहलोत ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। कांग्रेस के वॉर रूम में हुई बैठक के बाद गहलोत और पायलट ने एक साथ मीडिया से बातचीत की। गहलोत ने कहा- राजस्थान में सब एकजुट हैं। गहलोत और पायलट एसेट ही हैं। वहीं पायलट ने कहा- सभी मिलकर पार्टी को मजबूत करेंगे। हमें कोई उकसा नहीं सकता। बैठक में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर चर्चा हुई।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठक के लिए पहुंचे तो पायलट ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया, इस पर गहलोत ने भी हाथ जोड़कर इसे स्वीकारा। यह तस्वीर छह दिन पहले 23 नवंबर इसी हॉल में हुई बैठक से बिल्कुल अलग थी। 23 नवंबर को दोनों के बीच कोई चर्चा नहीं हुई थी और टकराव साफ झलक रहा था।
बैठक से पहले राहुल की लाइन को दोहराया
बैठक से पहले सीएम अशोक गहलोत ने भी राहुल गांधी वाली लाइन को दोहराया है। गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब राहुल गांधी ने कहा है कि दोनों नेता एसेट हैं तो एसेट हैं। इसमें कहने को कुछ रह नहीं जाता है, उनके कहने के बाद फिर डिस्कशन किस बात का।
गहलोत ने कहा कि आजादी के पहले और बाद में हमारी पार्टी की सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि जो नंबर वन नेता होता है, उसके डिसिप्लीन में पार्टी चलती है। उनके कहने के बाद में कोई गुंजाइश रहती नहीं है। राहुल गांधी ने कह दिया तो हम सब एसेट ही हैं।
गहलोत बोले- हर कार्यकर्ता एसेट
गहलोत ने कहा कि उसके मायने ये भी थे कि हम लोगों के साथ हर कार्यकर्ता एसेट है। अच्छी बात कही है। दोनों नेता एसेट हैं तो उनके फॉलोअर भी एसेट हैं। सब मिलकर यात्रा को भी कामयाब बनाएंगे। अगला चुनाव मुख्य मुद्दा है, वह हम जीतकर बताएंगे।
कोई विवाद नहीं करने के संकेत मिले हैं
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच हाल ही गहराए विवाद में अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा तक ‘सियासी-सीजफायर’ के आसार बन गए हैं। हाईकमान की तरफ से यात्रा निकलने तक दोनों खेमों को कोई विवाद नहीं करने के संकेत मिले हैं। गहलोत के सचिन पायलट को गद्दार कहने से शुरू हुए विवाद को निपटाने के लिए बीच का रास्ता निकाला गया है, दोनों ही नेताओं को साधने का फॉर्मूला अपनाया गया है। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल राजस्थान के मामले को देख रहे हैं।
वेणुगोपाल को विवाद निपटाने का जिम्मा
वेणुगोपाल को भारत जोड़ो यात्रा तक राजस्थान पर फोकस करने का जिम्मा दिया है। राजस्थान विवाद को यात्रा तक शांत रखने का टास्क दिया गया है। यात्रा से जुड़ी कमेटी की बैठक लेने का मकसद भी यही बताया जा रहा है। कमेटी की बैठक के बाद वेणुगोपाल सीएम और सचिन पायलट से अलग-अलग चर्चा कर सकते हैं। विवाद पर बात करने के अलावा यात्रा से जुड़े मैनेजमेंट पर भी वेणुगोपाल पॉइंट टु पॉइंट चर्चा करेंगे।
521 किलोमीटर यात्रा का पॉइंट टु पॉइंट रूट जल्द फाइनल होगा
राहुल गांधी की झालावाड़ से लेकर अलवर जिले में करीब 521 किलोमीटर की यात्रा का पॉइंट टु पॉइंट रूट प्लान जल्द फाइनल होने के आसार हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्रियों ने पूरे रूट का जायजा लिया है। यात्रा राजस्थान में 17 से 20 दिन रह सकती है।
माकन ने काम बंद किया इसलिए वेणुगोपाल को जिम्मा
अजय माकन के प्रदेश प्रभारी पद से इस्तीफे की पेशकश के बाद उन्होंने राजस्थान का काम देखना बंद कर दिया है। 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके पैरेलल बैठक की गई थी इसके जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ एक्शन नहीं हुआ तो माकन ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने 8 नवंबर को इस्तीफे की पेशकश करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी।
उसके बाद से माकन ने राजस्थान प्रभारी का काम बंद कर रखा है। भारत जोड़ो यात्रा से पहले प्रभारी का जिम्मा फिलहाल किसी को नहीं दिया गया है। इसलिए अब प्रभारी की जगह केसी वेणुगोपाल को जिम्मा दिया गया है। अजय माकन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद बनाई गई स्टीयरिंग कमेटी के मेंबर जरूर हैं, लेकिन उन्होंने राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम बंद कर रखा है।
बैठक में दिखी खींचतान, इंटरव्यू में गहलोत ने गद्दार कहा था
भारत जोड़ो यात्रा की 23 नवंबर को कांग्रेस वॉर रूम में हुई बैठक में गहलोत और पायलट के बीच तल्खियां साफ दिखी थीं। दोनों का एक दूसरे को घूरते हुए वीडियो खूब चर्चित हुआ था। इस बैठक में गहलोत के आने के आधे घंटे बाद ही सचिन पायलट निकल गए थे। इस बैठक में आने से ठीक एक दिन पहले गहलोत पाली में इंटरव्यू देकर आए थे, जिसमें पायलट को गद्दार कहा था। इस बैठक के अगले दिन ही इंटरव्यू प्रसारित हुआ जिस पर अब तक विवाद जारी है।
राजस्थान में यात्रा की एंट्री से ठीक पहले 4 दिसंबर को बैठक
राहुल गांधी की यात्रा की राजस्थान में एंट्री से ठीक पहले 4 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी की बैठक रखी गई है। इसमें पार्टी संगठन से जुड़े लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
राहुल फॉर्मूले पर ही राजस्थान का हल
राजस्थान विवाद का हल राहुल गांधी फॉमूले पर ही निकाले जाने के संकेत हैं। गहलोत और पायलट को साथ रखने का मैसेज देने के लिए राहुल की यात्रा का इस्तेमाल होगा। राहुल ने खुद एक दिन पहले कहा है कि दोनों ही नेता पार्टी के लिए एसेट हैं, इसका मतलब यही निकाला जा रहा है कि सुलह के अलावा कोई फॉर्मूला नहीं हैं।
राहुल की यात्रा राजस्थान में आएगी तब गहलोत और पायलट अगवानी से लेकर लगभग हर बड़े प्रोग्राम में साथ रहेंगे। यात्रा के मंचों पर दोनों करो साथ रखकर सुलह और एकता का मैसेज दिया जाएगा। राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनावों से पहले भी अनुभव और युवा जोश को साथ लेकर चलने की घोषणा की थी। फिर से वही फॉर्मूला अपनाया जाएगा।
सचिन पायलट को सीएम अशोक गहलोत के गद्दार कहने की घटना को राहुल गांधी ने ज्यादा तवज्जो नहीं देने के संकेत दिए हैं। राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को साथ लेकर चलने के संकेत दिए हैं। इंदौर में राहुल गांधी से जब पायलट के गद्दारी करने को लेकर सवाल पूछा तो गया तो उन्होंने कहा- ‘मैं इस पर जाना नहीं चाहता हूं कि किसने कया कहा? दोनों नेता पार्टी के एसेट हैं। मैं आपको एक बात की गारंटी दे सकता हूं कि इसका भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं होगा।’